इकलौते पुत्र की मौत से सदमे में दंपती, गांव में मातम

शिकारपुर थाना क्षेत्र के नोनिया टोला गांव निवासी आनंद साह के पुत्र 15 वर्षीय आशीष कुमार की पंडई नदी में डूबने से हुई मौत के बाद परिजन सदमे में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 01:03 AM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 06:14 AM (IST)
इकलौते पुत्र की मौत से सदमे में दंपती, गांव में मातम
इकलौते पुत्र की मौत से सदमे में दंपती, गांव में मातम

बेतिया। शिकारपुर थाना क्षेत्र के नोनिया टोला गांव निवासी आनंद साह के पुत्र 15 वर्षीय आशीष कुमार की पंडई नदी में डूबने से हुई मौत के बाद परिजन सदमे में हैं। गांव में मातम का माहौल है। किशोर काफी मिलनसार स्वभाव का था। आनंद साह का इकलौता पुत्र था आशीष कुमार। उस परिवार की रोजी-रोटी नोनिया टोला चौक पर एक नाश्ते की दुकान से चलती है। जब किशोर के नदी में डूबने की खबर मिली तो परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। जैसे ही दूसरे रोज उसका शव बरामद हुआ परिवार के लोगों पर मानो विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान आशीष ने काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।

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किशोर को खोजने में नहीं मिली प्रशासन की मदद करीब 15 घंटे बाद नदी से किशोर का शव ग्रामीणों ने निकाला है। सूचना के बाद भी शव की तलाश में पुलिस और प्रशासन की मदद नहीं मिली और जैसे ही शव की बरामदगी की सूचना मिली तो पुलिस पहुंच गई। इस वजह से लोग गुस्सा गए और पुलिस को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया। सड़क जाम कर आगजनी की। हालांकि कुछ देर के बाद पुलिस के ही समझाने पर आक्रोशित मान गए। सड़क जाम हटाते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के हवाले कर दिया गया। आक्रोशित लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से घंटों बाद भी शव बरामद नहीं होने से आगजनी कर करीब एक घंटा सड़क जाम किया गया। लोगों के आक्रोश को देखते हुए एसआई लक्ष्मण प्रसाद सिंह और अन्य पुलिस कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय दिया।

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क्या है पूरा मामला

बताया जाता है कि नोनिया टोला चौक पर मां दुर्गा की प्रतिमा रखी गई थी। गुरुवार को उस मूर्ति विसर्जन करने कई लोग गए हुए थे। इस विसर्जन जुलूस में आशीष कुमार भी शामिल था। पंडई नदी में मूर्ति का विसर्जन कर सभी लोग लौट आए। लेकिन वह किशोर नदी में डूब गया। फिर जब विसर्जन के काफी देर बाद वह घर नहीं पहुंचा तो घर वालों ने खोजबीन शुरू की। ग्रामीणों को सूचना लगी और लोग किशोर को ढूंढने नदी के किनारे पहुंचे। ग्रामीणों ने नदी में उसकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस और प्रशासन को भी सूचना दिया। इस तरह करीब 15 घंटे बाद दूसरे दिन किशोर का शव नदी से निकाला गया।

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बयान:

शव को पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भेज दिया गया है। कतिपय असामाजिक तत्वों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया था। गांव के प्रबुद्ध लोगों के प्रयास से सबकुछ सामान्य हो गया है।

-- उग्रनाथ झा, थानाध्यक्ष

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