ग्रामीण इलाकों में भी दिखने लगी नई करेंसी

बगहा। मधुबनी प्रखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित मधुआ गांव। शुक्रवार को गांव के सभी लोग अप

By Edited By: Publish:Sat, 03 Dec 2016 03:01 AM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2016 03:01 AM (IST)
ग्रामीण इलाकों में भी दिखने लगी नई करेंसी

बगहा। मधुबनी प्रखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित मधुआ गांव। शुक्रवार को गांव के सभी लोग अपनी खेती बारी में लगे हुए हैं। किसान कहीं गेहू बोने का काम कर रहे हैं तो कहीं गन्ना गिराने के लिए काटते नजर आ रहे हैं। नोटबंदी की क्रिया प्रतिक्रिया से बेखबर मघ्यमवर्गीय किसान और मजदूर खलिहानों में धान की दवनी आदि में व्यस्त हैं। इस गांव का हालात पूरी तरह से सामान्य है। मधुआ गांव के पास स्थित मरिचहवा चौराहा पर पांच - छह लोग खड़े हैं। ये लोग नोटबंदी को लेकर आपस में चर्चा कर रहे हैं। सभी लोग सरकार के इस फैसले से प्रसन्न हैं। चौक पर चाय दुकानदार संजय ने कहा कि नोटबंदी से परेशानी अमीरों को है। गरीबों के सेहत पर इसका कोई असर नहीं है। मैं रोज दुकान चलाने आता हूं। दिन भर में डेढ़ दो सौ रुपए की कमाई होती है। शाम को दुकान बंद कर घर चला जाता हूं। मुझे तो इस नोटबंदी से कोई फर्क नहीं है। जबकि किसानों के सेहत पर इसका असर है। नोटबंद होने से गन्ना की छिलाई बाधित है। खाद बीज की दुकान पर पुराने नोटों को नहीं लिया जा रहा है। नए नोट अभी किसानों के पास आए नहीं हैं। सो, किसान परेशान हैं।

क्या कहते हैं लोग

मधुआ निवासी राम नरेश गुप्ता ने बताया कि गांव में अब छोटे नोट मिलने लगे हैं । सामान की किल्लत नहीं है। पहले समान बिक्री खरीद करने में परेशानी आई थी लेकिन अब आम जीवन पूरी तरह से पटरी पर लौटने लगा है।

नरेश बैठा ने बताया कि मजदूरी करने के बाद अब बड़े किसानों के द्वारा समय से मजदूरी दिया जा रहा है । गांव में जनजीवन पूरी तरह से सामान्य है । अब दुकान पर खाने पीने का सामान भी हम आसानी से खरीद सकते हैं ।

अजय राय का कहना है कि नोट बंदी कानून के बाद से थोड़ी परेशानी तो आई थी । लेकिन अब जन-जीवन सामान्य हो गया है । हालांकि चौक चौराहों पर बड़े नोट दुकानदारों के द्वारा नहीं लिए जा रहे हैं । इसके बावजूद भी छोटे नोट अब आम जन तक पहुंचने लगे हैं ।

शिव शंकर राय ने बताया कि नोट बंदी कानून सरकार अच्छी पहल है इससे जहां काला धन भारत के आर्थिक अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा । वहीं भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी । उन्होंने कहा कि गांव का जनजीवन पूरी तरह से सामान्य हो गया है।

ओमप्रकाश कुशवाहा ने बताया कि नोट बंदी कानून के चलते खेती-बारी में कोई परेशानी नहीं है हम थोड़ी परेशानी बर्दास्त तो कर लेंगे सरकार के इस कदम के साथ हैं ।

जोगेंद्र चौहान ने बताया कि नोट बंदी कानून के चलते आम जन जीवन में थोड़ी परेशानी तो हुई थी लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है

अवध गोड़ ने बताया कि सरकार द्वारा लाया गया नोट बंदी कानून देश हित में एक अच्छा कदम है। हम सब इसकी सराहना करते हैं। भले ही हमारे आम जीवन में थोड़ी परेशानी हुई।

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