तालाब का विवाद कहीं बन जाए बड़ी घटना का सबब

लौरिया, संसू : प्रखंड के देवराज क्षेत्र में स्थित बगही गांव का झगड़ा कभी भी हिंसक रुप ले सकता है। इस

By Edited By: Publish:Tue, 26 May 2015 02:50 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2015 02:50 AM (IST)
तालाब का विवाद कहीं बन जाए बड़ी घटना का सबब

लौरिया, संसू : प्रखंड के देवराज क्षेत्र में स्थित बगही गांव का झगड़ा कभी भी हिंसक रुप ले सकता है। इस क्षेत्र में पहले भी तालाब के झगड़ों में हिंसा होती रही है। ऐसे में बगही के तालाब के झगड़े को ससमय सख्ती के साथ नहीं रोका गया तो जानमाल के नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता। इस तालाब के झगड़े में गांव दो खेमों में विभक्त हो गया है। एक खेमा तालाब को अपना पुश्तैनी संपत्ति मानता है तो दूसरे खेमे के लोगों का कहना है कि यहां स्थित तालाब ही नहीं बल्कि कब्रगाह भी मालिक गैरमजरुआ जमीन में है। तालाब में डाली गयी मछली को निकालने एवं निकालने से रोकने को लेकर दोनों पक्षों द्वारा गोलबंदी की जा रही है। वैसे प्रशासन भी इस झगड़े को रोकने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। यहां बता दें कि प्रखंड के देवराज क्षेत्र के विभिन्न गांवों यथा कंधवलिया, बगही, बसवरिया, तेलपुर व सबेया में कई पुराने तालाब है। लोगों का कहना है कि सभी तालाबों का निर्माण बेतिया राज द्वारा राज की जमीन में कराया गया है। इसको लेकर पटना उच्च न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है। इस दौरान 5 मई 15 को आदेश दिया गया है कि सुनवाई पूरी होने तक किसी भी पक्ष को तालाब का उपयोग नहीं करना है। बावजूद रविवार को एक पक्ष द्वारा मछली मारने की जानकारी पर थानाध्यक्ष स्वयं दल बल के साथ पहुंच कर मछली मारने के कार्य को स्थगित कराया। इस संबंध में दोनों पक्षों ने थाना में आवेदन भी दिया गया है। तालाब की सफाई का कार्य मनरेगा द्वारा 2011-12 में 6, 99,700 रुपया लगा कर कराया गया है।

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