सोनपुर मेले की झलकियां

बिछड़ने के डर से पकड़ रखा था हाथ सोनपुर : सोनपुर मेले में कार्तिक पूर्णिमा को सुदूर

By Edited By: Publish:Wed, 25 Nov 2015 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2015 10:05 PM (IST)
सोनपुर मेले की झलकियां

बिछड़ने के डर से पकड़ रखा था हाथ

सोनपुर : सोनपुर मेले में कार्तिक पूर्णिमा को सुदूर देहातों से जलाभिषेक के लिए आयी महिलाएं एक दूसरे से बिछड़ जाने के डर से एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर चल रही थीं। वहीं नई नवेली दुल्हन के साथ तीर्थ करने आये पति भी अपनी पत्नी का हाथ पकड़े हुए था। इधर मेले में भूल गये सइंया हमार हो गाने की धुन बज रही थी।

श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे लोग

श्रद्धालुओं का रखा जा रहा था ख्याल

सोनपुर : धर्म-कर्म को पुण्य का कार्य मानते हुए सोनपुर मेला में कुछ समाजसेवियों द्वारा न केवल जल बल्कि श्रद्धालुओ के लिए निश्शुल्क मिश्री भी वितरित की जा रही थी। सोनपुर-हाजीपुर मुख्य सड़क पर अस्पताल के समीप यह पुनीत कार्य पूर्व कालेज कर्मी राजेश्वरी ¨सह तथा थोड़ा आगे स्वतंत्रता सेनानी विश्वनाथ ¨सह के पौत्र द्वारा किया जा रहा था।

दूर से ही फेंक रहे थे गंगाजल

सोनपुर : हरिहरनाथ मंदिर के समीप पूर्णिमा के अवसर पर जलाभिषेक के लिए उमड़ी भीड़ मंदिर में घुसते ही जल भरे मिट्टी के पात्रों को दूर से ही बाबा की ओर फेंक रहे थे। इसे क्या कहा जाये। बाबा के प्रति श्रद्धा कहें या हड़बड़ी में की गयी पूजा।

पूजा-पाठ के साथ दान धर्म भी

सोनपुर : एकतरफ जहां सोनपुर मेले में नदी में डुबकी लगाने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ रही थी। वहीं मंदिर से काली घाट तक महेश्वर चौक से सवाइच घाट एवं गज-ग्राह चौक से पुरानी गंडक पुल घाट तक सड़क के दोनों ओर भिखारियों की लंबी कतार लगी हुई थी। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का बड़ा ही महत्व होता है। कोई भिखारियों के आगे खुदरे पैसे फेंक रहा था कोई मुट्ठी से अन्न दान करता जा रहा था।

अंधविश्वास का भी नजारा

सोनपुर : पल-पल बदलते आधुनिकता की इस दौर में अब भी किस कदर समाज में अंधविश्वास छाया हुआ है। इसका नजारा कार्तिक पूर्णिमा को सोनपुर के नारायणी तट पर उमड़ रहा था। सुदूर ग्रामीण अंचलों से आये कई ओझा-गुणी वर्षों से कथित प्रेत बाधा से ग्रसित लोगों का भूत उतार रहे थे। एक तरफ जहां महिलाएं अपनी बालों को बिखराये सर झूमा रही थी वहीं अपनी देह पटकते हुए भागवे की न चिल्ला रहे थे।

महिला श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़

सोनपुर : मेले में पुरुषों की तुलना में स्नान के लिए आयी महिलाओं की संख्या अधिक थी। महिलाएं स्टेशन से ही लोक आस्था से जुड़े मंगल गीत गाती हुई मंदिर की ओर बढ़ रही थीं।

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