विद्यालय में तालाब किनारे लगा चापाकल दे रहा हादसे को न्योता

इसे विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही कहा जाए या इंजीनियरों की गलती। नौनिहालों की जिदगी से खिलवाड़ का इससे बड़ा नमूना क्या हो सकता है कि विद्यालय परिसर में ऐसे जगह पर चापाकल लगा दिया जहां बच्चों की थोड़ी-सी चूक जानलेवा हो सकती है। मामला पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के नगवां चकवाजा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। यहां विद्यालय से सटा तालाब जानलेवा साबित हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2020 06:14 AM (IST)
विद्यालय में तालाब किनारे लगा चापाकल दे रहा हादसे को न्योता
विद्यालय में तालाब किनारे लगा चापाकल दे रहा हादसे को न्योता

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

इसे विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही कहा जाए या इंजीनियरों की गलती। नौनिहालों की जिदगी से खिलवाड़ का इससे बड़ा नमूना क्या हो सकता है कि विद्यालय परिसर में ऐसे जगह पर चापाकल लगा दिया, जहां बच्चों की थोड़ी-सी चूक जानलेवा हो सकती है। मामला पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के नगवां चकवाजा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। यहां विद्यालय से सटा तालाब जानलेवा साबित हो सकता है।

नगवां पंचायत के गोसाईं टोला विद्यालय से सटे ही बड़ा सा तालाब है। तालाब के किनारे न तो किसी तरह के सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं और ना ही चारदीवारी है। यहां ऐसी जगह पर चापाकल लगा दिया है, जहां पानी पीने जाने वाले बच्चों की जान हमेशा सांसत में बनी रहती है। बरसात के समय हल्की-सी फिसलन या थोड़ी-सी चूक उनकी जान ले सकत हैं। तालाब की गहराई 20-25 फीट है। चापाकल से पानी पीने के दौरान कोई बच्चा इसमें गिर पड़ा तो फिर उसे बचा पाना मुश्किल हो सकता है।

ग्रामीणों के अनुसार वैसे तो इस तालाब में सालों भर पानी भरा रहता है, लेकिन इस समय लबालब पानी है। हालांकि पिछले दिनों यहां घटनाएं घट भी चुकी है, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के बाद विद्यालय के खुलने पर अपने बच्चों के जीवन की चिता अभिभावकों को सताने लगी है। ग्रामीणों ने इसके लिए बैठक आयोजित कर इस समय रहते इस समस्या का निदान कराने के लिए आवाज उठाई है। ग्रामीणों ने इसके लिए मुहिम शुरू कर दी है।

समाजसेवी चितरंजन पटेल के साथ विशु ठाकुर, विकास कुमार, सुजीत पासवान, सुधीर सिहं, मंजू सिंह, सिद्धार्थ कुमार, नवीन कुमार, मो इकबाल, सरीता देवी आदि ने आसपास के अभिभावकों की बैठक बुलाकर विद्यालय की शीघ्र चारदीवारी निर्माण कराने की मांग की है। लोगों का कहना है कि अब जब तक इस समस्या का निदान नहीं निकाला जाएगा, वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर विद्यालय प्रधान का कहना है कि उन्होंने इसके लिए कई बार पत्राचार किया है, लेकिन इसे लगातार अनसुना किया जा रहा है।

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