राघोपुर में संकट में लोग और प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद नहीं : पूर्व मंत्री

- हालात का जायजा लेने बीडीओ एवं सीओ भी नहीं आ रहे हैं राघोपुर - लोगों के लिए ना तो नाव की व्यवस्था और ना ही प्रशासनिक मदद - जिला से अफसरों की टीम भेजकर आवश्यक पहल करने का अनुरोध

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 08:41 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 08:41 PM (IST)
राघोपुर में संकट में लोग और प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद नहीं : पूर्व मंत्री
राघोपुर में संकट में लोग और प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद नहीं : पूर्व मंत्री

वैशाली। सरकार एवं प्रशासन ने राघोपुर को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। लाखों की आबादी संकट में है। अधिकतर घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। हद तो यह है कि ना तो प्रशासनिक स्तर पर नाव की ही व्यवस्था की गई है और ना ही बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह की मदद ही दी जा रही है। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी संकट में फंसे लोगों का हाल जानने नहीं आ रहे हैं। राघोपुर के बीडीओ एवं सीओ पटना के कच्ची दरगाह से ही वापस हो जा रहे हैं। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने रविवार को राघोपुर से दैनिक जागरण हाजीपुर को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि वैशाली जिला प्रशासन एवं सरकार को तत्काल इस दिशा में पहल करनी चाहिए।

भोला राय ने कहा कि राघोपुर के सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। हाल यह है कि लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। कहा कि प्रशासनिक स्तर पर पर्याप्त नाव की व्यवस्था तक नहीं की गई है ताकि आपात स्थिति में लोग यहां से निकल सकें। बीडीओ एवं सीओ भी बाढ़ प्रभावित इलाके में लोगों का हाल जानन नहीं आ रहे हैं। यह स्थानीय प्रशासन की घोर लापरवाही है। उन्होंने वैशाली डीएम से मांग की है कि तुरंत पूरे इलाके का जायजा लेने के लिए जिला से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भेजें एवं संकट में फंसे बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद को आवश्यक पहल करें। पूर्व मंत्री ने कहा कि जहां लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है, वहां से लोगों को नाव से राहत शिविरों में भेजने की व्यवस्था की जाए। साथ ही बाढ़ प्रभावित गांवों में पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था कराने की मांग भी प्रशासन से की है। कहा है कि बाढ़ के कारण सबसे बड़ा संकट उन परिवारों के समक्ष खड़ा हो गया है जो दैनिक मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उन परिवारों के को तत्काल राहत एवं सहायता मुहैया कराए जाने की जरूरत है।

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