चारित्रिक सत्यनिष्ठा भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक : माथुर

जागरण संवाददाता हाजीपुर पूर्व मध्य रेल में चल रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत गुरुवा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:15 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:15 PM (IST)
चारित्रिक सत्यनिष्ठा भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक : माथुर
चारित्रिक सत्यनिष्ठा भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक : माथुर

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

पूर्व मध्य रेल में चल रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत गुरुवार को मुख्यालय में सतर्कता कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। मौके पर रेल अधिकारियों ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ उप महाप्रबंधक एसके मिश्रा ने रेलकर्मियों के बीच सतर्कता के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रकाशित सतर्कता बुलेटिन सतर्कता संदेश के 23वें अंक का विमोचन किया। बुलेटिन में केस अध्ययन के साथ ही साथ प्रणालीगत सुधार पत्र तथा सतर्कता संबंधी लेखों का संग्रह है।

इस अवसर मुख्य वक्ता के रूप में रेलवे बोर्ड के पूर्व प्रमुख कार्यपालक निदेशक (सतर्कता) सुनील माथुर ने काफी ओजपूर्ण एवं सलीके से ईमानदार जीवन शैली पर संबोधन प्रस्तुत किया। भ्रष्टाचार के व्यापक कुप्रभावों पर गंभीर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने केस की त्वरित निपादन हेतु बारीकियों की तकनीकी से अवगत कराया। तत्पश्चात सभी तरह के जिज्ञासाओं एवं संदेहों को प्रश्नोत्तर के माध्यम से दूर किया गया। इस अवसर पर मुख्यालय के सभी अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे ।

महाप्रबंधक शर्मा ने मुख्य वक्ता माथुर का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह का थीम है, स्वतंत्र भारत-75 : सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता। जो वर्तमान में राष्ट्र की आवश्यकता को सही ढंग से प्रतिविम्बित करता है। भारतीय रेल कर्मियों की चारित्रिक सत्यनिष्ठा भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक होगी। सतर्कता जागरूकता के प्रसार से रेल कर्मियों को अपनी आत्मनिष्ठा के प्रति ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इससे किसी भी संगठन की कार्यकुशलता, उत्पादकता तथा गुणवत्ता में कमी आती है और राजस्व की हानि के साथ-साथ संगठन की छवि भी धूमिल होती है।

इसके पूर्व स्वागत संबोधन के दौरान वरिष्ठ उप महाप्रबंधक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी एसके मिश्रा ने जीवन शैली में ईमानदारी पर जोर देते हुए सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को एक सामाजिक बुराई बताया। मौके पर बताया गया कि इस प्रकार के आयोजन क्षेत्रीय मुख्यालय के अलावा सभी मंडलों एवं कारखानों में आयोजित किये जा रहे हैं।

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