पर्यावरण संरक्षण में अवैध आरा मिलें, धड़ल्ले काटे जा रहे वृक्ष

संवाद सहयोगी वीरपुर (सुपौल) अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत 18 इंच के फ्री लाइसेंस के सहारे अवैध तरी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 11:40 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण में अवैध आरा मिलें, धड़ल्ले काटे जा रहे वृक्ष
पर्यावरण संरक्षण में अवैध आरा मिलें, धड़ल्ले काटे जा रहे वृक्ष

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत 18 इंच के फ्री लाइसेंस के सहारे अवैध तरीके से गोलिया इमारती लकड़ी की चिराई धड़ल्ले से करने का मामला प्रकाश में आया है। वन विभाग की अनदेखी के कारण अवैध आरा मिल का कारोबार दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा है। गौरतलब हो कि फर्नीचर उद्योग के कारोबारियों की सुविधा के लिए एवं फर्नीचर उद्योग में उपयोग होने वाली पटरियों की चिराई के लिए 18 इंच का आरा मिल सरकार ने फ्री किया है। उनको लाइसेंस से मुक्त रखा गया है। इसका फायदा उठाकर, बायसी पलार,समदा पलार, कोहबरा गोपाल गढ़ी, बसावनपट्टी, कोचगामा, हृदयनगर, बलभद्रपुर सहित अन्य जगहों पर आरा मिल खोल धड़ल्ले से गोलिया एवं इमारती लकड़ी की चिराई कर लकड़ी माफियाओं के द्वारा मोटी कमाई की जा रही है। जबकि उनको गोलिया लकड़ी नहीं चिराई करने का सख्त निर्देश है। कई तो 18 इंच की आर में 26 एवं 28 इंच का ब्लेड भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

वन विभाग की उदासीनता उनलोगों का मनोबल बढ़ा रही है। लोगों का तो यहां तक कहना है यह सब उन्हीं लोगों की मिलीभगत से हो रही है। उनलोगों को सिर्फ अपने कमीशन से मतलब है।

------------------------------------------

पर्यावरण संरक्षण को उत्पन्न हो रहा खतरा

अवैध आरा मिल की भरमार रहने से बड़ी संख्या में पेड़ की अवैध कटाई हो रही है। चोरी-छिपे पेड़ काटे जा रहे है। इससे पर्यावरण संरक्षण का संकट खड़ा हो रहा है। इसकी अनदेखी पर्यावरण संरक्षण को काफी नुकसान पहुचा रही है। हरे-भरे पेड़ जिसको काटने पर रोक है उसे भी काटकर अवैध आरा मिल पर आसानी से चिराई की जा रहा है।

------------------------------------

क्या कहते हैं अधिकारी

वनपाल के. के. झा कहते है कि 18 इंच के फ्री लाइसेंस की आड़ में कुछ मिल गोल लकड़ी की अवैध चिराई कर रहे है । ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी