अमात जाति को दिया जाए अनुसूचित जाति का दर्जा : रामकुमार

-छिटही हनुमाननगर में हुआ क्षेत्रीय सम्मेलन इसमें पहुंचे दूर-दूर से लोग -सम्मेलन में बोले वक्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 12:37 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 12:37 AM (IST)
अमात जाति को दिया जाए अनुसूचित जाति का दर्जा : रामकुमार
अमात जाति को दिया जाए अनुसूचित जाति का दर्जा : रामकुमार

-छिटही हनुमाननगर में हुआ क्षेत्रीय सम्मेलन इसमें पहुंचे दूर-दूर से लोग

-सम्मेलन में बोले वक्ता, राजनीतिक रूप से उपेक्षित रही अमात जाति

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : राजनीतिक रूप से उपेक्षित रहने के कारण अमात जाति के लोगों की पहचान अभी तक नहीं बन रही है। इस कारण हमारा विकास रुका हुआ है। पूरे देश में हम सिर्फ वोटर बन कर रह रहे हैं। लोकसभा से लेकर के विधान परिषद तक के चुनाव में हमारी पहचान नहीं हो रही है। हमारा उपयोग कोई और लोग कर ले रहे हैं और हम अपने हक और अधिकार से वंचित रह जा रहे हैं।

उक्त बातें भाजपा जिलाध्यक्ष रामकुमार राय ने शुक्रवार को सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के छिटही हनुमान नगर मे अमात जाति के एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि अमात जाति को अभी तक कोई भी राजनीतिक दल पहचानने की कोशिश नहीं कर रहा है जो हमारे लिए खेद का विषय है। उन्होंने कहा कि हम आज हर ²ष्टिकोण से पीछे पड़ गए हैं। हमारी जो स्थिति है उसके अनुसार हमें अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सम्मेलन के माध्यम से हम सरकार से मांग करते हैं कि अमात जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए ताकि यह जाति विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि जब तक सत्ता में नहीं रहेंगे तब तक हमारा विकास संभव नहीं है। जिला अध्यक्ष में सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न जिलों के अमात जाति के प्रतिनिधियों से कहा कि वह सब आगे बढ़कर हक और अधिकार के लिए काम करें। सम्मेलन में बोलते हुए सहरसा जिला से के भरत राय, बाबूबरही के शोभा कांत राय, पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता उदयभानु, मधुबनी के रितेश कुमार राय, महा नारायण राय, निर्मली के सुरेश राय, अंधराठाढ़ी के राज नारायण, राय कृष्ण कुमार राय, नारायणपुर के जय कांत राय, सरोज कुमार, मदन राय, रामभरोस राय, कुलानंद राय, हरे राम राय, विवेक राय, रंजन कुमार राय, धर्मेंद्र कुमार राय, कुंदन कुमार राय, तारा नंद राय सहित अन्य ने भी अपने-अपने विचारों को रखा। वक्ताओं ने कहा कि हम 75 वर्ष से पीछे पड़ते जा रहे हैं। हमारी पहचान किसी भी जगह पर नहीं बन रही है और उसका कारण है कि हम राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि अब हमारी लड़ाई राजनीति में भागीदारी को लेकर शुरू हुई है। सम्मेलन में मुख्य रूप से अमात जाति की दशा और दिशा को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। सम्मेलन में मिथिला, कोसी, सीमांचल, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया सहित अन्य जिलों से लोग पहुंचे थे। दिन भर के सम्मेलन के अंत में प्रस्ताव पारित कर सरकार से अमात जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने, राजनीतिक रूप से भागीदारी देने तथा उसके विकास के लिए आरक्षण देने की मांग की गई।

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