कहीं एमडीएम बंद तो कहीं शिक्षकों की परीक्षा ड्यूटी

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में उपलब्धियों के आधार पर माह जनवरी 2020 के लिए जिलों की रैंकिग निर्धारित की गई है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने बुधवार को बिहार के 3

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Feb 2020 06:31 PM (IST) Updated:Fri, 07 Feb 2020 06:31 PM (IST)
कहीं एमडीएम बंद तो कहीं शिक्षकों की परीक्षा ड्यूटी
कहीं एमडीएम बंद तो कहीं शिक्षकों की परीक्षा ड्यूटी

सुपौल। प्रखंड में सरकारी विद्यालयों का हाल-बेहाल है। कहीं शिक्षक नहीं आने के कारण बच्चे स्कूल नहीं आते हैं तो कहीं मध्याह्न भोजन नहीं बनने के कारण बच्चे नहीं आते हैं। लेकिन कागज पर बच्चों की उपस्थिति बनाई जा रही है। जिसको देखने वाला कोई नहीं है। जब गुरुवार को जागरण संवाददाता के द्वारा कुछ विद्यालयों का जायजा लिया गया। सर्वप्रथम 12:30 बजे मध्य विद्यालय सिगिआवन में देखा गया कि विद्यालय के गेट से 4-5 छात्र-छात्राएं अपनी किताब लेकर बाहर निकल रहे थे। जब छात्रों से पूछा गया तो छात्रों ने बताया कि शिक्षक के द्वारा हम लोगों को छुट्टी दी गई है। विद्यालय में उपस्थित शिक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि विद्यालय में 300 के आसपास नामांकित बच्चे हैं। वहीं 10 शिक्षक भी हैं। जिसमें बाकी सभी शिक्षक को परीक्षा में ड्यूटी लगाया गया है। वहीं पिछले 25 जनवरी से मध्याह्न भोजन यहां बंद है। जिसके चलते बच्चे की उपस्थिति नहीं हो पा रही है और कम बच्चा रहने के चलते हमलोग इन सब को भी छुट्टी दे दिए हैं। वही 1:00 बजे प्राथमिक विद्यालय नवटोल में मेहासिमर में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। विद्यालय में उपस्थित शिक्षिका सुलोचना कुमारी से जब बच्चे की उपस्थिति के बारे में पूछा गया तो शिक्षिका ने बताया कि आज विद्यालय के बगल में भगैत हो रहा है। इसलिए बच्चा यहां नहीं आया। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में 85 बच्चे नामांकित हैं। वहीं दो शिक्षक पदस्थापित हैं। 1:30 बजे मध्य विद्यालय नोनियारी टोला तुलापट्टी में विद्यालय प्रधान अनुपस्थित मिले। वहीं 3 सहायक शिक्षक मौजूद थे। एक भी बच्चे उपस्थित नहीं पाए गए। पूछने पर शिक्षक ने बताया कि यहां मध्याह्न भोजन बंद है जिसके चलते बच्चे नहीं आते हैं।

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