अनियमित जीवनशैली दे रहा मधुमेह को निमंत्रण

एसपी ने कहा कि आखिर गश्ती वाहन का टायर इतना खराब क्यों है। जिस पर वे सभी चुप बैठे। एसपी ने सख्त लहजे में कहा कि गश्ती वाहन का टायर जल्द बदलें।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 07:38 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 07:38 PM (IST)
अनियमित जीवनशैली दे 
रहा मधुमेह को निमंत्रण
अनियमित जीवनशैली दे रहा मधुमेह को निमंत्रण

सुपौल: मौजूदा समय में मधुमेह महामारी का रूप ले लिया है। भाग-दौड़ की जिदगी के बीच अनियमित जीवनशैली के चलते लोग मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बच्चों से लेकर युवाओं तक को अपना निशाना बना रही। इस बीमारी के चपेट में एक बार आने के बाद यह जीवन भर साथ नहीं छोड़ता। मधुमेह होने के बाद व्यक्ति अगर सतर्क न हो और अपनी जीवनशैली में सुधार न करे तो यह अन्य कई बीमारियों को आमंत्रित करने लगता है। मौजूदा समय में यह बीमारी आम हो चुकी है। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल के जांच घर में प्रतिदिन जांच कराने आये लोगों में से लगभग 20 प्रतिशत मधुमेह के मरीज निकलते हैं।

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क्या है मधुमेह

जब मनुष्य के शरीर के पेंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज या मधुमेह कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। यूं तो मधुमेह कई प्रकार के होते हैं। लेकिन कोशी क्षेत्र में अधिकांश टाइप-1 व टाइप-2 के मरीज ही देखने को मिलते हैं। टाइप-1 मरीज में पेंक्रियाज में हारमोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। जिससे मरीज के खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। वहीं टाइप-2 मरीज में पेंक्रियाज में जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हारमोन ठीक से काम नहीं करता है।

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जरूरी है परहेज

मधुमेह के मरीज यूं तो शुगर लेबल नार्मल रखने के लिए सुबह उठकर टहलने सहित कई फिजिकल लेबर का कार्य करते हैं और जो जरूरी भी है। लेकिन मधुमेह के मरीज का सबसे जरुरी चीज है वह खानपान में परहेज है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि ब्लड शुगर का रिपोर्ट नॉर्मल आते ही मरीज खानपान में परहेज नहीं बरतते। लेकिन उसे यह नहीं पता होता उसके मुंह में गया हर कौर उसके शरीर को प्रभावित करता है। इसलिए मरीज जो भी खाएं सोच-समझ कर खाएं। मधुमेह रोगी का आहार केवल पेट भरने के लिए नहीं होता बल्कि उसके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित करने में भी सहायक होता है। यह ऐसा रोग है जिसमें मरीज को काफी परहेज से रहना पड़ता है। बदपरहेजी मरीज के शरीर को खराबी ही पहुंचाता है।

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मधुमेह के लक्षण

- बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना।

- बार बार पेशाब आना।

- लगातार भूख लगना।

- ²ष्टि धुंधली होना।

- अकारण थकावट महसूस होना।

- अकारण वजन कम होना।

- घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना।

- बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना।

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मधुमेह से बचाव

- जीवनशैली को बदलें।

- कम कैलोरी, विशेष रूप से कम संतृप्त वसा वाला आहार खाएं।

- अनुपात हिस्सों में भोजन करें।

- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।

- शराब व धुम्रपान का सेवन न करें।

- पर्याप्त नींद लें।

- तनाव से दूर रहें।

- नियमित स्वास्थ्य जांच करावें।

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कहते हैं चिकित्सक

सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. मिहिर कुमार वर्मा का कहना है कि मधुमेह रोग सबसे विकट समस्या है और इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अत्यधिक व अनियमित खानपान तथा ज्यादा भूखा रहने की स्थिति में शुगर बढ़ने का ज्यादा संभावना रहती है। प्राय: 40 या इससे अधिक उम्र में इंसुलिन की कमी हो जाती है। इंसुलिन की कमी होने के बाद ज्यादा खानपान की स्थिति में शुगर बढ़ जाता है। अधिक आराम करने की स्थिति में इंसुलिन कम होने की उम्मीद रहती है। शुगर कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से संतुलित भोजन के साथ-साथ शारीरिक श्रम जरुरी है। इसके बाद भी शुगर लेबल बढ़ा रहता है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा लें। कई बार जुबेनाइल डायबिटीज भी पाया गया है। वहीं बीस-पच्चीस वर्ष के युवा डायबिटीज मरीज के रूप में देखने को मिला है। शुगर से किडनी, आंख व हार्ट को विशेष खतरा रहता है।

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