व्यवस्था से आहत लोगों की नहीं सुनी गई फरियाद तो खुद बना डाली सड़क

व्यवस्था से आहत लोगों को जब सड़क बनने की आहट तक नहीं सुनाई दी तो खुद थामी टोकरी और कुदाल और बना डाला 140 फीट लंबी सड़क और कर ली खुद की राह आसान। लोगों ने श्रमदान कर 10 फीट चौड़े सड़क का निर्माण कर शायद शासन-प्रशासन को यह कहने की कोशिश की है कि उन्हें किसी के सहयोग की जरूरत नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2020 10:54 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jul 2020 10:54 PM (IST)
व्यवस्था से आहत लोगों की नहीं सुनी गई फरियाद तो खुद बना डाली सड़क
व्यवस्था से आहत लोगों की नहीं सुनी गई फरियाद तो खुद बना डाली सड़क

कटैया-निर्मली (सुपौल)। व्यवस्था से आहत लोगों को जब सड़क बनने की आहट तक नहीं सुनाई दी तो खुद थामी टोकरी और कुदाल और बना डाला 140 फीट लंबी सड़क और कर ली खुद की राह आसान। लोगों ने श्रमदान कर 10 फीट चौड़े सड़क का निर्माण कर शायद शासन-प्रशासन को यह कहने की कोशिश की है कि उन्हें किसी के सहयोग की जरूरत नहीं। सुपौल-पिपरा मुख्य मार्ग से पथरा उतर पंचायत के वार्ड नंबर 11 रहिका टोला जाने वाली 600 की आबादी के पास अपनी सड़क नहीं थी। लोग किसी तरह बरसात के मौसम में पगडंडी के सहारे अपनी जिदगी को रफ्तार देते रहे। पिछले एक दशक से मोहल्ले के लोग सड़क निकाल कर निर्माण की राह ताक रहे थे लेकिन इस राह के इंतजार में लोग थक गए थे। चुनावी मौसम में निर्माण को ले वादे जरूर हुए लेकिन तमाम वादे चुनाव बाद गुम हो गए। आखिरकार लोगों के सब्र का बांध टूट गया। लोगों ने खुद सड़क का निर्माण करने की ठानी। चंदा इकट्ठा किया और मिट्टी खरीद कर सड़क बनानी शुरू कर दी। लोगों ने हाथों में कुदाल व टोकरी उठा कर निर्माण शुरू की और देखते ही देखते सड़क तैयार हो गई। हालांकि निर्माण अभी जारी है। ग्रामीण घनश्याम मंडल, जोगेन्द्र मेहता, अरविद कुमार, मु. हैदर अलि, मु. इजरायल, मु. बेचू, मनोज मंडल, जागेश्वर मंडल, पंचू राम, खटर राम, मनोज राम, अशोक मंडल, खटर मंडल, गंगा राम आदि ने पहले बांस-बल्ल्ली बनाकर सड़क के किनारे लगे पानी को रोका फिर उसपर मिट्टी डालकर सड़क निर्माण कार्य शुरू कर गांव, समाज, शासन व प्रशासन को एक नई प्रेरणा दी है। बताया कि इस टोले के लोगों को जलजमाव की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।

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