ओटीपी टोकन प्रणाली से पोषाहार वितरण में आ रहीं कई अड़चनें

संवाद सूत्र राघोपुर(सुपौल) आईसीडीएस निदेशालय द्वारा आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के लाभुकों के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 12:01 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 12:01 AM (IST)
ओटीपी टोकन प्रणाली से पोषाहार वितरण में आ रहीं कई अड़चनें
ओटीपी टोकन प्रणाली से पोषाहार वितरण में आ रहीं कई अड़चनें

संवाद सूत्र, राघोपुर(सुपौल): आईसीडीएस निदेशालय द्वारा आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के लाभुकों के बीच बंटने वाले पोषाहार का सरकारी फरमान सेविका-सहायिका के लिए आफत बनकर रह गया है। दरअसल विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि लाभुकों के स्वजन के मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया है। वह ओटीपी नंबर सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगी उसके बाद ही राशन का वितरण किया जाएगा। वास्तव में सरकार की ओर से जारी आदेश आंगनबाड़ी के बच्चों को डिजिटल तरीके का इस्तेमाल कर टीएचआर बांटने का आदेश है जो लभुकों के हित में तो जरूर है लेकिन डिजिटल प्रक्रिया में आने वाली कई अड़चनों से लाभुक लाभ से जहां वंचित हो रहे हैं वहीं सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना धरातल पर असफल साबित हो रही है।

--------------------------------------

क्या है डिजिटल अड़चन

पहला तो अधिकांश आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल चलाने का तरीका नहीं पता है कुछ सेविका अगर इस कार्य को करने में दक्ष भी है तो विभाग द्वारा जारी मोबाइल का रैम इतना कमजोर है कि इस कार्य के लिए सक्षम नहीं है। इसके बावजूद विभाग ने सभी सेविकाओं को मोबाइल में ओटीपी दर्ज कर टीएचआर बांटने का निर्देश जारी कर दिया। नतीजतन प्रखंड ही नहीं जिले में कई जगहों पर टीएचआर बांटने का काम रुक गया है। हालांकि कुछ आंगनबाड़ी सेविका अपने निजी मोबाइल एवं स्वजनों के सहयोग से इसे कार्यरूप जरुर दे रही है। जिसकी संख्या बहुत ही कम है।

------------------------------- कहती है सेविका

इस संबंध में आंगनबाड़ी सेविका मनोरमा रानी, ललिता देवी, हेमलता वर्मा, मंजू कुमारी, गीता कुमारी आदि ने बताया कि विभाग ने उन्हें मोबाइल सिर्फ अटेंडेंस बनाने के लिए दिया था। टीएचआर वे लोग मैन्युअल रजिस्टर पर नाम दर्ज कर बांटती थी। लेकिन आज अचानक विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि बच्चों के स्वजनों को मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया है वह ओटीपी नंबर सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगी। इसके बाद ही राशन का वितरण करेंगी। लेकिन हमलोगों को इसके लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है कि ओटीपी अपने मोबाइल में कैसे दर्ज करना है।

सेविकाओं ने बताया कि ओटीपी के माध्यम से टीएचआर करने में सभी सेविका असमर्थ है। इसकी जानकारी आवेदन देकर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को दिया गया है कि ओटीपी के माध्यम से टीएचआर वितरण करने में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ओटीपी सिस्टम वास्तविक लाभार्थी को लाभ से वंचित कर देगा, तथा गलत लाभार्थियों का ओटीपी आ जाएगा। अधिकाधिक संख्या में लाभार्थी का मोबाइल घर से बाहर पंजाब आदि दूसरे राज्यों में कमाने के उद्देश्य से पति या परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा बाहर चला गया है। जिससे वितरण में असुविधा हो रही है। जो मोबाइल नंबर पहले से लाभार्थियों द्वारा एड कराया गया है या तो मोबाइल खराब हो चुका है या चोरी हो गई या फिर बदल गया। वहीं विभाग ओटीपी उसी नंबर पर भेज रहा है। ऐसे में सेविका जहां लाभुक के स्वजनों के कोपभाजन का शिकार हो रही है वहीं विभागीय अधिकारी के भी दंश झेलने को मजबूर है। कहा कि अगर तत्काल इसका निराकरण नहीं किया गया तो बाध्य होकर सेविका-सहायिका आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगी।

chat bot
आपका साथी