मयूर संध्या में आर्मी एक्ट और मां थीम को मिली वाहवाही

राधेश्याम पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव के अवसर पर स्कूली बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी सांस्कृतिक कार्यक्रम हिदी प्रदर्शनी आदि की जानदार और शानदार प्रस्त़ुति देकर आयोजित समारोह में चार चांद लगाया। मयूर संध्या में बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर न केवल लोगों का मन मोहा बल्कि समारोह को जीवंत बना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 04:08 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 04:08 PM (IST)
मयूर संध्या में आर्मी एक्ट और मां थीम को मिली वाहवाही
मयूर संध्या में आर्मी एक्ट और मां थीम को मिली वाहवाही

जागरण संवाददाता, सुपौल : राधेश्याम पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव के अवसर पर स्कूली बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, हिदी प्रदर्शनी आदि की जानदार और शानदार प्रस्तुति देकर आयोजित समारोह में चार चांद लगाया। मयूर संध्या में बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर न केवल लोगों का मन मोहा बल्कि समारोह को जीवंत बना दिया। नर्सरी से सातवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने मयूर संध्या में अपनी-अपनी सहभागिता दिखाई। संध्याकालीन प्रदर्शनी का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा द्वारा किया गया। बच्चों की प्रस्तुति और प्रतिभा को देखकर जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि बच्चों का यह उत्कृष्ट और प्रशंसनीय प्रदर्शन है। शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास के लिए इस प्रकार की गतिविधियां महत्वपूर्ण है, जो विद्यालय द्वारा बच्चों को सिखाई जा रही है। हिदी प्रदर्शनी में अमरेंद्र कुमार, यशराज, कृष्ण कुमार, ज्ञानचंद एवं मोहित ने हिस्सा लिया। वहीं अंग्रेजी प्रदर्शनी में मानस, हर्षित, गौरी आदि की सहभागिता रही। मयूर संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद दिलेश्वर कामैत और राधेश्याम पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. राधेश्याम यादव, प्राचार्य जीनसन पीए और युवा जदयू के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने संयुक्त रूप से किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के क्रम में आर्मी एक्ट एवं मां थीम की प्रस्तुति को वाहवाही मिली। विद्यालय की छात्राओं द्वारा मिथिला संस्कृति की झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक विष्णु, निलेश, जिजिथा, सोना घोष, जैन सिंह की भूमिका रही। स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट अंजलि सोनी ने प्रस्तुत किया। मौके पर सांसद ने स्कूल एवं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते कहा कि सुपौल जैसी जगह में आनेवाले दिनों में यह स्कूल अच्छी शिक्षा और बच्चों में संस्कार निर्माण के लिए जाना जाएगा। बोले कि समाज और बच्चों को संस्कारित बनाने के लिए पहल और प्रयत्न होती ही रहनी चाहिए। विद्यालय के निदेशक ने कहा कि सुपौल को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनेवाले एक स्कूल की आवश्यकता थी। इसी को लेकर राधेश्याम पब्लिक स्कूल की शुरुआत की गई, जो सफलतापूर्वक अपना एक वर्ष पूरा करते हुए वार्षिकोत्सव मना रहा है। बोले कि बच्चों को संस्कारी और सकारात्मक मार्गदर्शन की आवश्यकता है। बच्चों को जिस सांचे में ढाला जाएगा वे ढलेंगे। जरूरत है बस उन्हें सही मार्गदर्शन देने की।

बच्चों के प्रदर्श देख लोग हुए दंग

प्रदर्शनी में विभिन्न तरह के प्रदर्श लगाए गए थे जिसे देख लोग दंग रह गए। इसमें पर्यावरण, जल संरक्षण, बिहार का इतिहास, मिथिला पेंटिग, बुक स्टॉल, कल-कारखाना से संबंधित प्रदर्श शामिल थे। कक्षा तीन के ऋयांसी सिंह और नवनीत कुमार ने रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रोजेक्ट के जरिये बारिश के पानी को जमा करने का तरीका बताया। कक्षा छह के सानू कुमार और प्रियांशु ने पर्शियन व्हील से संबंधित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। कक्षा छह के ही राफया और अरमान ने अपने प्रोजेक्ट से वाटर पॉल्यूशन के बारे में जानकारी दी। कक्षा छह के आयूष और कक्षा सात के आशुतोष ने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से पर्वत और प्रकृति की जानकारी दी। कक्षा चार के रोशन एवं कक्षा छह के अभिषेक राज ने प्रोजेक्ट के माध्यम से लोगों को प्रोपर फूड के संबंध में बताया। कक्षा पांच के लव कुमार और किशन ने पिरामिड ऑफ गीजा, कक्षा पांच के हर्षित राज ने अंग्रेजी का महत्व आदि का प्रदर्श लगाकर संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई।

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