सड़कों पर कम हुए वाहन, परेशान हो रहे यात्री

लगातार हो रहे विकास में सुगम यातायात ही विकास का रास्ता माना जा रहा है। चुनाव में भी नेताओं द्वारा वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सड़क के विकास की चर्चा कर लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। लेकिन जिले का हृदय स्थली सिमराही बाजार पिछले कई वर्षों से जाम के झाम में फंसा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 12:25 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 12:25 AM (IST)
सड़कों पर कम हुए वाहन, परेशान हो रहे यात्री
सड़कों पर कम हुए वाहन, परेशान हो रहे यात्री

फोटो फाइल नंबर-21एसयूपी-7

जागरण संवाददाता, सुपौल: तीसरे चरण के तहत सुपौल लोकसभा क्षेत्र के लिए मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। रविवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। इधर चुनाव कार्यों के लिए वाहनों को जब्त किए जाने से सड़कें सूनी पड़ने लगी है। सुपौल बस स्टेंड से प्रमुख जगहों के लिए खुलने वाली बसों के नदारद रहने से आम यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। छातापुर, अररिया, त्रिवेणीगंज, वीरपुर, प्रतापगंज, सहरसा आदि जगहों के लिए जाने वाली बसों की संख्या कम होने के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। वाहनों की किल्लत के कारण यातायात सहित व्यवसायिक परिवहन में भी परेशानी हो रही है। चुनाव के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों में चलने वाला ऑटो भी नहीं दिखाई दे रहा है। परिणाम स्वरूप यात्री किसी तरह सफर करने को मजबूर हैं। इधर जिले में रेल सेवा नहीं रहने के कारण लोगों को सफर के लिए बस पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। ऐसे में बसों की किल्लत यात्रियों पर भारी पड़ रहा है। रविवार को सुपौल बस स्टैंड में वाहनों का इंतजार कर रहे रमेश मुखिया, दिवाकर सिंह, बुद्धन मुखिया, कालिया देवी ने कहा कि उन लोगों को छातापुर जाना है। करीब 4 घंटे से बस के इंतजार में हैं लेकिन कोई वाहन नहीं मिला। थक हार कर एक ऑटो रिजर्व करना पड़ रहा है। ऑटो वाला भी मनमाना भाड़ा मांग रहा है। आखिर करें भी क्या घर तो जाना है। फिलहाल चुनावी कार्यों में बसों के लग जाने से आम यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। चुनाव बाद ही आवागमन के सुलभ होने की संभावना है।

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