शहरनामा- प्यास लगेगी तो कुआं खोदने की होगी तैयारी

पता है कि अप्रैल से गर्मी पड़ेगी। कुओं का पानी पाताल से मुलाकात करने को आतुर होगा। हैंड

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 03:06 AM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 03:06 AM (IST)
शहरनामा- प्यास लगेगी तो कुआं खोदने की होगी तैयारी
शहरनामा- प्यास लगेगी तो कुआं खोदने की होगी तैयारी

पता है कि अप्रैल से गर्मी पड़ेगी। कुओं का पानी पाताल से मुलाकात करने को आतुर होगा। हैंडपंप हाफेंगे ही। पर, लगता है कि प्रशासन पर गीता का ज्ञान ज्यादा हावी है। जो हुआ, अच्छा हुआ। जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है और जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। जो बीत गया, वह समय लौटने वाला नहीं है और जब हम अगले क्षण के बारे में नहीं जानते कि क्या होने वाला है तो उसके लिए ¨चता क्यों करें। इसी ज्ञान के कारण जब सर्दी बीतने को होती है तो गरीबों में कंबल का वितरण शुरू होता है। जब प्रचंड गर्मी पड़ने लगती है तो अफसरों को हैंडपंपों की मरम्मत का ध्यान आता है। इसका नतीजा यह होता है कि जब तक पानी यह काम शुरू होता है या पूरा होता है, तब तक मानसून आ जाता है। यह हर साल की स्थिति है।

नदियों के पाट में रेतीले भाग बढ़ते जा रहे हैं। कुओं का पानी लगातार नीचे खिसक रहा है। हैंडपंप हांफ नहीं रहे हैं तो टाइट चलने लगे हैं। जलस्तर तेजी से नीचे भाग रहा है लेकिन यहां तो अभी वित्तीय वर्ष 2016-17 का ही हिसाब-किताब सही करने में अफसर व्यस्त हैं। आगे की कौन सोचे। जो सामने आएगा, देखा जाएगा। सिवान में नदियों के किनारे वाले भाग को छोड़ दें तो वैसे भी भूमिगत जल स्तर इतना नीचे नहीं है कि लोग पानी के लिए तड़पें। हां, परेशान जरूर हो सकते हैं। इस परेशानी से साहब लोगों को क्या लेना-देना। 31 मार्च बीतने के बाद जैसे अन्य योजनाओं का मसौदा तैयार होगा, वैसे ही पानी उपलब्ध कराने के लिए भी खराब हैंडपंपों की सूची बनेगी। उनका प्राक्कलन तैयार होगा। फिर राशि की स्वीकृति के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहां से प्रस्ताव की स्वीकृति होगी। राशि का आवंटन होगा। फिर जिले में इसकी चिट्ठी आएगी। टेंडर होगा। कुछ काम बिना टेंडर के भी संभव है लेकिन इतना तय है कि जब तक ये सारे काम पूरे होंगे, तब तक भगवान ही अपने बंदों के लिए बारिश शुरू कर देंगे। इस बात को अफसर अच्छी तरह से जानते हैं। उन्हें पता है हरि अनाथ को नाथ..। भगवान भला अपने बंदों को प्यासा कैसे देख सकते हैं। सो, ज्यादा हाथ-पांव हिलाने की क्या जरूरत है।

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और अंत में

देवी मां आने वाली हैं..

चैत्र नवरात्र की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। देवी मां आने वाली हैं। रामनवमी जुलूस की भी तैयारी शुरू हो चुकी है। जानते ही हैं कि आजकल की पूजा के लिए जितनी जरूरत आस्था की है, उससे कम अर्थ की नहीं। लिहाजा इसका जुगाड़ शुरू हो चुका है। राजमार्गों पर आस्थावान लोगों ने अपना काम शुरू भी कर दिया है। आप सभी को सलाह है कि घर से बाइक या कार से शहर से बाहर जाने के लिए निकलते हैं तो पर्याप्त रुपये रख लें। ऐसा न होने पर आपको अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है।

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