टिकट तय होने के बाद कहीं खुशी, कहीं मायूसी

सिवान । भाजपा ने टिकटों की घोषणा कर दी और महागठबंधन ने अपनी सीटों का एलान कर दिया। इसके

By Edited By: Publish:Fri, 28 Aug 2015 11:05 AM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2015 11:05 AM (IST)
टिकट तय होने के बाद कहीं खुशी, कहीं मायूसी

सिवान । भाजपा ने टिकटों की घोषणा कर दी और महागठबंधन ने अपनी सीटों का एलान कर दिया। इसके साथ ही चुनावी बिसात की तस्वीर अब साफ होने लगी है। वे दावेदार जो नेतृत्व का भरोसा जीतने में कामयाब रहे उनके यहां और उनके समर्थकों में इसे लेकर प्रसन्नता का माहौल है लेकिन टिकट से वंचित नेताओं के साथ उनके साथ लगे कार्यकर्ताओं में भी मायूसी है। महागठबंधन में अभी टिकट किसको मिलेगा यह साफ नहीं है लेकिन तबभी सीट तय होने के साथ ही कौन कितने पानी में यह स्थिति साफ होने लगी है। बताया जा रहा है कि महज तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की राजद की घोषणा से पार्टी के बड़े तबके में अंदर-अंदर नाराजगी है। राजद के वरीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि गांव-गांव में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा होने के कारण यहां की जमीन राजद के माकूल थी। फिर भी नेतृत्व ने महज तीन सीटें स्वीकार कीं जिससे कार्यकर्ताओं में मायूसी है। एक दो लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि महागठबंधन के चलते जदयू को मदद तो देनी है लेकिन लड़ाई में अगर राजद रहता को बात ही अलग होती।

उधर पिछले चुनाव में तीन सीटों पर जीते जदयू के लिए इस बार जिले की पांच सीटें मिलना काफी सुकून भरा माना जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी पर पिछला प्रदर्शन दोहराने का दबाव भी बढ़ गया है। पिछली बार भाजपा के साथ गठबंधन में जदयू को महाराजगंज, दारौंदा और बड़हरिया की सीटे मिली थी और तीनों जगह उसके उम्मीदवार विजयी रहे। महाराजगंज के जदयू विधायक दामोदर सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर लोकसभा चुनाव के साथ हुए उपचुनाव में भाजपा ने जदयू से यह सीट छीन ली। इस बार पार्टी दारौंदा और बड़हरिया में अपने सिटिंग विधायकों के साथ महाराजगंज, रघुनाथपुर और सिवान में लड़ेगा।

रघुनाथपुर में इस बार कांग्रेस काफी सक्रिय थी। पूर्वमंत्री विजयशंकर दूबे अपना टिकट तय मानकर यहां प्रचार की शुरुआत भी कर चुके थे लेकिन कांग्रेस को यह सीट मिली ही नहीं। इससे सबसे ज्यादा मायूसी कांग्रेस के खेमे में ही है। पार्टी के जिलाध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व पर कार्यकर्ताओं की भावना से खेलने का आरोप लगाते हुए महागठबंधन नेतृत्व से फिर से इस फैसले पर विचार का अनुरोध किया है लेकिन कांग्रेस के आम कार्यकर्ता इस निर्णय से हताशा में हैं।

रालोसपा को भी सिवान में कोई सीट नहीं मिलने से पार्टी के कैडरों में मायूसी है। लंबे समय से पार्टी बड़हरिया में प्रचार में जुटी थी। रविवार को हर कार्यकर्ता ने संपर्क किए जाने पर मायूसी जताई। लेकिन कहा कि गठबंधन धर्म का पालन होगा। एनडीए के पक्ष में प्रचार करेंगे। बड़हरिया में लंबे समय से जनसंपर्क में जुटे भाजपा के नेताओं की टिकट से वंचित किए जाने की पीड़ा बैठक के रूप में बाहर आई। लोजपा में भी बाहरी को टिकट दिए जाने की चर्चा के बीच भारी नाराजगी दिखी।

chat bot
आपका साथी