लॉकडाउन के बीच मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों में नहीं होगी पूजा

सिवान। वैश्विक महामारी के प्रसार को कम करने को ले घोषित लॉकडाउन के बीच जिले में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मंगलवार को चार विशेष संयोग में मनाया जाएगा। इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे। श्रद्धालुओं को मंदिरों के मुख्य द्वार पर ही पूजा करनी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 05:59 PM (IST)
लॉकडाउन के बीच मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों में नहीं होगी पूजा
लॉकडाउन के बीच मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों में नहीं होगी पूजा

सिवान। वैश्विक महामारी के प्रसार को कम करने को ले घोषित लॉकडाउन के बीच जिले में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मंगलवार को चार विशेष संयोग में मनाया जाएगा। इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे। श्रद्धालुओं को मंदिरों के मुख्य द्वार पर ही पूजा करनी होगी। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों को अपने घरों में ही पूजा अर्चना करनी पड़ेगी, क्योकि लॉकडाउन के कारण मंदिरों को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा नही दी गई है। घरों में ही परम्परानुसार झूला लगाकर पूजा अर्चना की जाएगी। वहीं सामाजिक समितियों द्वारा किए जाने वाले दही हांडी फोड़ने का भी कार्यक्रम अधिकांश जगहों पर भी नहीं किया जाएगा। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि मंगलवार को ही कृतिका नक्षत्र लगेगा। यही नहीं, इस दिन चंद्रमा मेष राशि और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। कृतिका नक्षत्र और राशियों की इस स्थिति से वृद्धि योग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्घि योग बनने से पर्व की और महत्ता बढ़ जाएगी। आचार्य ने बताया कि मंगलवार की रात में 11 बजकर 21 मिनट से लेकर 1 बजकर 28 मिनट तक शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रात में शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा। बताया कि पूजा के दौरान पीतांबर परिधान धारण करना चाहिए। तथा रात में कान्हा को पंजीरी का भोग लगाना चाहिए।

मंदिरों में नहीं होंगे सामूहिक कार्यक्रम :

इस बार कोरोना संक्रमण का असर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी दिखाई देगा। कचहरी रोड स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी श्याम बिहारी मिश्रा ने बताया कि मंदिर में हर साल होने वाला सामूहिक कार्यक्रम इस बार नहीं होगा। यहां पर रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनता है। इसमें सैकड़ों श्रद्घालु शामिल होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा नहीं होगा। मंदिर में सिर्फ पुजारी, मंदिर समिति व कुछ भक्तों के बीच श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

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