Rising India: कोरोना ने बदल दी चाय-पान दुकान की तस्वीर, अब स्टॉल पर पनीर-पेड़ा और मास्क

अब लोग कोरोना के आगे की सोचने लगे हैं। एक दुकान नहीं चल रही तो दूसरा व्यापार उम्मीद दे रहा है। पढ़ें ये खबर जो देगी आपको हौसला।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 01:14 PM (IST)
Rising India: कोरोना ने बदल दी चाय-पान दुकान की तस्वीर, अब स्टॉल पर पनीर-पेड़ा और मास्क
Rising India: कोरोना ने बदल दी चाय-पान दुकान की तस्वीर, अब स्टॉल पर पनीर-पेड़ा और मास्क

आशुतोष कुमार अभय, सिवान। जेपी चौक पर भोला चाय दुकान पहचान की मोहताज नहीं हैं। दुकान के सामने खड़े होकर चाय की चुस्की लेने सिवानवासी ही नहीं गोपालगंज के लोग भी पहुंचते थे। कोरोना काल में दुकान वीरान हो गई। कोरोना की काली छाया सिर्फ भोला जैसे चाय दुकानदार को ही नहीं, बल्कि जिले कि पान दुकानदार व फुटपाथी विक्रेताओं को भी अपने आगोश में ले चुकी है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को नई राह देने की कोशिश की तो इन्होंने जीविकोपार्जन के तरीके को बदल दिया। अब ये चाय के बदले पनीर, पेड़ा, दूध और लस्सी से अपनी पहचान को बचाने में लगे हैं। 

पहले था बेहतरीन, अब और बेहतर होने की उम्मीद

लॉकडाउन से पहले शहर में करीब चार सौ के आसपास पान व चाय की दुकानें थीं। इसमें अधिकांश ऐसे लोग हैं, जो गांव या दूसरे जिले से आकर यहां किराए के मकान में रहकर रोजी चलाते थे। भोला बताते हैं कि उनकी पहचान चाय की दुकान से इस शहर में थी। बदले  हालात में उसने पनीर पेड़ा के साथ लस्सी और दूध बेचना शुरू कर दिया।

होने लगी ठीक-ठाक आमदनी

चाय की दुकान से दो हजार रुपये प्रतिदिन आमदनी थी। लॉकडाउन में चाय दुकान पर पाबंदी लगी तो कुछ दिन घर में बैठे रहे। आर्थिक संकट बढ़ता दिखा तो चाय के स्टॉल पर लस्सी, दूध, पनीर व पेड़ा बनाकर बेचने लगे। अब इससे ही उन्हें ठीक-ठाक आमदनी हो जाती है। अब वे आगे और बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।

पान की दुकान पर लगी पाबंदी तो मास्क बेचना शुरू

कचहरी मोड़ के नामी पान दुकानदार राजकुमार ने अब मास्क बेचना शुरू कर दिया है। रोक लगाने के बाद दुकान बंद हो गई थीं। कहीं से कोई आमदनी नहीं थी। पारिवारिक खर्च जुटाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए पान के स्टॉल पर ही मास्क बेचना शुरू किया। इससे घर ठीक-ठाक आमदनी हो जाती है।

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