पहली कक्षा : 10वीं के छात्रों को संस्कृत पढ़ाया था
धज्जु ¨सह उच्च विद्यालय (सिवान)य सह इंटर कॉलेज भरथुईगढ़ के प्रधानाध्यापक ने साक्षा किया अनुभव ।
धज्जु ¨सह उच्च विद्यालय (सिवान)य सह इंटर कॉलेज भरथुईगढ़ के प्रधानाध्यापक विवेकानंद तिवारी ने बताया कि 1992-94 में शिक्षा शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मेरी नियुक्ति गर्ल हाई स्कूल गया में 2008 में संस्कृत वषय में हुई। पहले दिन मुझे वर्ग 10वी कक्षा में संस्कृत पढ़ाने के लिए भेजा गया। इसी क्रम में छात्रा नीतू, प्रियंका एवं प्रीति ने आज्ञा शब्द का अर्थ पूछा और समाज के बारे में बताने को कहा। मैंने छात्रों को विस्तार से बताया फिर अर्थ बताया कि अज्ञानी व ज्ञानी को समझना आसान है पर अधकचरे ज्ञान वाले को समझाना मुश्किल है। छात्राओं को संस्कृत के प्रति रुचि अधिक देखी गई। बच्चे अधिक उत्साहित थे। उस दिन मेरे प्रधानाध्यापक ने संस्कृत पढ़ाने की तरीका को सराहा। उस दिन मुझे काफी अच्छा अनुभव हुआ। विवेकानंद तिवारी, प्रधानाध्यापक
धज्जु ¨सह उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज भरथुईगढ़, जीरादेई (सिवान)