परिस्थिति कभी बदली नहीं जा सकती

मानस मर्मज्ञ प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि परिस्थिति कभी बदली नहीं जा सकती है। अब ये सर्दी का मौसम है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Jan 2018 02:07 AM (IST) Updated:Thu, 11 Jan 2018 02:07 AM (IST)
परिस्थिति कभी बदली नहीं जा सकती
परिस्थिति कभी बदली नहीं जा सकती

सीतामढ़ी । मानस मर्मज्ञ प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि परिस्थिति कभी बदली नहीं जा सकती है। अब ये सर्दी का मौसम है। इस मौसम को हम बदल नहीं सकते। दुख को नहीं बदल सकते। दिन को रात में नहीं बदल सकते। ऐसे में क्या करें। सभी बुद्ध पुरुषों की राय है कि प्राप्त परिस्थिति का विवेक से सदुपयोग करना सीख लें। विवेक सत्संग के बिना संभव नहीं है। कहा कि बिन सत्संग विवेक प्राप्त नहीं होती है। विद्वानों की सेवा से शील की प्राप्ति होती है। मैंने देखा है कि बड़े लोगों की सेवा करने वालों में शील होता है लेकिन, विवेक नहीं होता है। क्योंकि उसने सत्संग नहीं किया। सत्संग यह अथ नहीं होता कि कोई प्रवचन करे और आप सुनें। सत्संग शब्द है सत्य का संग। सद वार्ता का श्रवण होता है। रामकथा क्या है परम सत्य है। कोई नख-शिख पुरुष कुछ भी नहीं बोले। उनके पास बैठो, सत्संग की प्राप्ति होती है।

राम पर बोलने से आयुष कम नहीं होता

सीतामढ़ी :आपको पता होना चाहिए और आयुर्वेद भी कहता है कि सतत बोलना आयु एवं शरीर को घटाना है। आपके मन में विचार आएगा कि पूछ सकते हो कि आप बोलते हैं आपका क्या होगा? लेकिन, राम पर बोलने से आयुष कम नहीं होता है। वाक पात शुक्रपात के बराबर है। स्वामी शरणानंद महाराज कहते थे मूक सत्संग। प्रवचन मुक्त प्रवचन। कभी आंखें भर आए। कभी ऐसे ही मुस्कुरा दो। ये सद का प्रभाव है। सत्संग इसको कहते हैं। बोलना जरूरी नहीं है।

सत्य, सत्य रहता है, झूठ की इंतहा नहीं होती

सीतामढ़ी : जो निराकार हैं, वो झुकेंगे। राम तो वैसे ही झुक जाते हैं। विनम्रता का नाम राम है। सरलता का नाम राम है। अकेला आदमी मुस्कुराएगा कि तुमने सत्य को नहीं हराया। सत्य हारता नहीं जीतता नहीं। सत्य, सत्य रहता है। प्रेम कभी हारता नहीं, प्रेम कभी जीतता नहीं। प्रेम का हार-जीत से क्या लेना-देना। ये प्रैक्टिकल नहीं है। सत्य को हार-जीत से लेना-देना क्या। यद्यपि हम कहते हैं सत्यमेव जयते। ये लोक की मांग है। फकीरों की मांग नहीं है। सत्य, सत्य रहता है। लेकिन, झूठ की कोई इंतहा नहीं होती है। उसकी पूरी श्रृंखला होती है। कोई-कोई तो पूरा खानदान झूठ बोलता है। ¨कडर गार्डेन में हम घूमते हैं और कहलाते पंडित हैं। पुरानी पीढ़ी को प्रणाम करने आया हूं। सुना मैं तुमको रहा हूं। कभी भी सत्य को तौलना मत। अखंड सत्य का संग, उसी का नाम है सत्संग।

chat bot
आपका साथी