बाढ़ के समय गर्ववती महिलाओं की मदद में रहेंगी आशा, नाव पर चलंत अस्पताल व दवाई भी

सीतामढ़ी। बाढ़ के दौरान मुसीबतों से बचाव के लिए प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड में आ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 12:24 AM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 12:24 AM (IST)
बाढ़ के समय गर्ववती महिलाओं की मदद में रहेंगी आशा, नाव पर चलंत अस्पताल व दवाई भी
बाढ़ के समय गर्ववती महिलाओं की मदद में रहेंगी आशा, नाव पर चलंत अस्पताल व दवाई भी

सीतामढ़ी। बाढ़ के दौरान मुसीबतों से बचाव के लिए प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड में आ गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर चलंत अस्पताल की व्यवस्था और दवाई का इंतजाम होगा। आशा को कहा गया है कि वह अभी से गर्भवती महिलाओं की पहचान कर लें तथा उनकी सूची बनाकर अपने पास रख लें ताकि, आपात स्थितियों में तुरंत मदद की जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य विभाग को संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों की रोकथाम के सिलसिले में एहतियातन तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ क्षेत्र में पहले से ही नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था होगी। बाढ़ के कारण सड़क का संपर्क अगर टूट जाता है या जलजमाव से अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है तो ऐसी परिस्थितियों में घर तक इलाज की व्यवस्था रहेगी। सिविल सर्जन डा. सुरेश चंद्र लाल ने बताया कि बाढ़-बरसात पूर्व तैयारी शुरू है। स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट किया गया है। लगातार समीक्षा भी हो रही है।

अत्यधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में भेजी जा रही दवा

स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवा के साथ स्पेशल मेडिकल टीम तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि परिहार, सुरसंड, सोनबरसा, सुप्पी, सोनबरसा, बैरगनिया, मेजरगंज प्रखंड के सीएससी एवं पीएचसी को खासतौर पर अलर्ट किया गया है। ये प्रखंड बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित होते हैं। दवा का स्टाक भेजा जाने लगा है। गर्ववती महिलाओं के लिए खास इंतजाम किया जा रहा है। उनकी सूची तैयार करने का टास्क आशा को दिया गया है ताकि बाढ़ आने की स्थिति में इलाज व प्रसव के लिए मेडिकल टीम सेवा में घर पर मौजूद हो।

सर्पदंश व एंटी रेबीज

सांप काटने, कुत्ता काटने, बुखार, कै-दस्त सहित करीब दो दर्जन बीमारियों की दवा उपलब्ध कराई जा रही है। जिले के सभी पीएचसी, एपीएचसी पर चिकित्सकों की टीम तैनात रहेगी। विभाग के अनुसार, हर साल बाढ़ के दौरान सांप काटने व डूबने से तीन दर्जन से अधिक मौतें होती हैं। इसको लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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