विकास का मतलब नहीं जानते मेहसौल पश्चिमी पंचायत के लोग

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी शहर से चंद कदम की दूरी पर बसा मेहसौल पश्चिमी पंचायत। मूल रूप से मेहसौल व मोहनपुर

By Edited By: Publish:Sat, 13 Feb 2016 01:07 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2016 01:07 AM (IST)
विकास का मतलब नहीं जानते मेहसौल पश्चिमी पंचायत के लोग

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी शहर से चंद कदम की दूरी पर बसा मेहसौल पश्चिमी पंचायत। मूल रूप से मेहसौल व मोहनपुर गांवों को समेटे लगभग साढ़े ग्यारह हजार की आबादी वाला मेहसौल पश्चिमी पंचायत भले ही छोटा पंचायत है। लेकिन इस इलाके की समस्याएं काफी बड़ी है। डुमरा प्रखंड का यह पंचायत आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी विकास से अंजान है।

डुमरा प्रखंड अंतर्गत मेहसौल पश्चिमी पंचायत विकास से अनजान है। सड़क, बिजली, पानी, ¨सचाई, नाला व शौचालय पंचायत की सबसे बड़ी परेशानी है। पंचायत के गांवों में अब भी सड़क की दरकार है। कई सड़के अब भी कच्ची है। गांव में नाला का अभाव है। लिहाजा जल जमाव बड़ी परेशानी है। मुख्यालय डुमरा से महज 5 किमी व सीतामढ़ी शहर से सटे इस पंचायत में विकास की रंगत नहीं दिखती है। इलाके के ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर है। गांव में एक भी सरकारी नलकूप नहीं है। लिहाजा ¨सचाई लोगों की सबसे बड़ी समस्या है। पंचायत में बिजली की व्यवस्था है। लेकिन कई इलाके बिजली विहीन है। वार्ड एक में एक भी पोल नहीं है। वार्ड 4,5,6,7 व 8 में केवल पोल गड़े है। पंचायत में पांच सरकारी स्कूल है। लेकिन शिक्षक व संसाधनों का अभाव है। कहार टोली मोहनपुर स्थित स्कूल अब भी भवन विहीन है। स्कूल के पास न भूमि है और नहीं भवन। पंचायत में अस्पताल का अभाव है। पशुपालन अस्पताल नहीं रहने के कारण पशुपालक किसान परेशान है। बेरोजगारी भी इलाके की बड़ी समस्या है। गांव में शौचालय का अभाव है। वार्ड एक में एक भी शौचालय नहीं है। पूरे पंचायत में एक मात्र शौचालय है वह भी कुष्ठ कालोनी में।

क्या कहते हैं मुखिया

पंचायत के मुखिया सतेंद्र मिश्र बताते है कि इलाके के विकास की दिशा में प्रयास जारी है। इलाके की समस्या को दूर कराने की पहल जारी है। मुखिया बताते है कि डेढ़ करोड़ की लागत से पीसीसी सड़क, सो¨लग व नाला का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा हरिजन बैठका व दो स्कूल भवनका निर्माण कराया गया है। वहीं 300 को चापाकल, 700 को पेंशन, 40 को कन्या विवाह योजना, 300 को इंदिरा आवास का लाभ दिलाया गया है।

बोले वृद्ध : वासुदेव प्रसाद व गुलाम रसूल बताते है कि कि पांच साल में पंचायत में विकास तो हुआ, लेकिन कई समस्याएं बरकरार है। पंचायत में सड़क, नाला व ¨सचाई बड़ी परेशानी है। कई इलाकों में बिजली का अभाव है। सिकंदर पासवान व मंजूर अंसारी बताते है कि पंचायत के कई वार्ड बिजली व पक्क सड़क से वंचित है। सार्वजनिक शौचालय का अभाव है। राशन कूपन में अनियमितता है। कोई सुनता नहीं है। नाले का अभाव है।

बोले युवा : चंदन कुमार व राकेश कुमार बताते है कि पांच साल में पंचायत का विकास तो हुआ है, लेकिन शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, पशु अस्पताल व बिजली बड़ी परेशानी है। सगीर अंसारी व गौरी शंकर बैठा बताते है कि पंचायत का विकास कुछ ही इलाकों तक सीमित रहा। अधिकांश लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ¨सचाई, नाला व बिजली इलाके की बड़ी परेशानी है।

मेहसौल पश्चिमी पंचायत एक नजर में

आबादी : 11,500

मतदाता : 6,200

महिला मतदाता : 2,800

पुरुष मतदाता : 3,400

साक्षरता दर : 70 फीसद

पुरुष साक्षरता दर : 60 फीसद

महिला साक्षरता दर : 45 फीसद

प्रमुख गांव : मोहनपुर व मेहसौल।

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