घर की कुंडी बजाकर बताए जाएंगे नवजात के पालन-पोषण के गुर

शेखपुरा। नवजात बच्चों का अच्छे से पालन-पोषण करने के लिए अब घर-घर जाकर माताओं को जागरूक किया जाएगा। इ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Dec 2018 04:34 PM (IST) Updated:Fri, 28 Dec 2018 04:34 PM (IST)
घर की कुंडी बजाकर बताए जाएंगे नवजात के पालन-पोषण के गुर
घर की कुंडी बजाकर बताए जाएंगे नवजात के पालन-पोषण के गुर

शेखपुरा। नवजात बच्चों का अच्छे से पालन-पोषण करने के लिए अब घर-घर जाकर माताओं को जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में ममता दीदियां तथा एएनएम घरों में जाकर महिलाओं को गर्भधारण से लेकर प्रसव बाद बच्चों के जन्म के उपरांत उसके पालन-पोषण और नवजात के साथ प्रसूता महिलाओं को आहार के बारे में जानकारी देंगी। इस कार्यक्रम को ग्रास रूट पर अमली जामा पहनाने के लिए शेखपुरा में चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है। प्रशिक्षण के पहले चरण में जिले की चु¨नदा एएनएम और ममता कार्यकर्ता को मास्टर ट्रेनर इसकी जानकारी दे रहे हैं। यही प्रशिक्षित एएनएम और ममता कार्यकर्ता अपने सहयोगियों को प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण के उद्घाटन के मौके पर सिविल सर्जन डॉ. एमपी ¨सह, उपाधीक्षक डॉ. अर¨वद कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. के पुरुषोत्तम, डॉ. केएमपी ¨सह, डॉ. नूर फातिमा, डॉ. संगीता चौधरी भी मौजूद थी। इस बाबत सिविल सर्जन डॉ. एमपी ¨सह ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत लोगों को घर-घर जाकर यह बताया जाएगा कि जन्म के बाद शिशु को 6 महीने तक मां के दूध के अलावा कुछ नहीं देना है। 6 महीने के बाद शिशु को हल्का आहार देना शुरू करें। सीएस ने बताया कि इस कार्यक्रम में ममता कार्यकर्ता घरों में जाकर बच्चे को कैसे स्तनपान कराया जाना चाहिए इसकी भी जानकारी देंगी। यह कार्यक्रम नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी स्थिति यह है कि उचित देख-रेख तथा सही पालन-पोषण के अभाव में हर एक हजार नवजात में से 35 बच्चों की मौत 28 दिन के पहले हो जाती है। पहले यह स्थिति और भी बदतर थी। अब धीरे-धीरे जागरूकता की वजह से स्थिति में सुधार हो रहा है।

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