हाईटेक बरबीघा रेफरल अस्पताल से प्रभारी गायब

शेखपुरा। अचानक यदि किसी व्यक्ति को बरबीघा रेफरल अस्पताल लाया जाए तो उसे इस अस्पताल के सरकारी होने का आभास तक नहीं होगा। वह इसे कोई हाईटेक हॉस्पिटल ही समझेगा। इस अस्पताल के तीन मंजिले इमारत को सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। चिकित्सक के चेंबर से लेकर मरीजों के कक्ष तक वातानुकूलित उपकरण लगाए गए हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन युक्त संयंत्र और आवश्यक इमरजेंसी सेवा का मॉनीटर भी लगाया गया है। हालांकि ड्रेसिंग की व्यवस्था भगवान भरोसे है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 05:57 PM (IST)
हाईटेक बरबीघा रेफरल अस्पताल से प्रभारी गायब
हाईटेक बरबीघा रेफरल अस्पताल से प्रभारी गायब

शेखपुरा। अचानक यदि किसी व्यक्ति को बरबीघा रेफरल अस्पताल लाया जाए तो उसे इस अस्पताल के सरकारी होने का आभास तक नहीं होगा। वह इसे कोई हाईटेक हॉस्पिटल ही समझेगा। इस अस्पताल के तीन मंजिले इमारत को सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। चिकित्सक के चेंबर से लेकर मरीजों के कक्ष तक वातानुकूलित उपकरण लगाए गए हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन युक्त संयंत्र और आवश्यक इमरजेंसी सेवा का मॉनीटर भी लगाया गया है। हालांकि, ड्रेसिंग की व्यवस्था भगवान भरोसे है। अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी की बात भी सामने आई। बताया गया कि अस्पताल में ड्रेसर नहीं होने से जैसे-तैसे अस्पताल में ड्रेसिंग का काम हो रहा है। वहीं, अस्पताल में डॉक्टर के आवासीय नहीं रहने की बात भी सामने आती रहती है। कई डॉक्टर नियमित अस्पताल तक नहीं आते। इसी अस्पताल का जायजा गुरुवार को दैनिक जागरण ने लिया।

---

11:30 बजे

अस्पताल के गेट पर तीन चार महिलाएं लाइन में लगी हुई थीं। उनके पूर्जे को रजिस्टर पर मेंटेन किया जा रहा था। वहीं थोड़ी दूर पर मरीजों के रजिस्ट्रेशन का काम संदीप भारती के द्वारा किया जा रहा था। गार्ड द्वारा लोगों को मास्क पहनकर ही अस्पताल में प्रवेश करने दिया जा रहा था। सभी को लाइन में लगाया गया। उसी के बाएं तरफ कोविड-19 जांच के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। अस्पताल आने वाले सभी मरीजों की कोविड-19 की जांच पहले होती है फिर उसे चिकित्सक के पास इलाज के लिए भेजा जा रहा था।

---

11:40 बजे

डॉ. अन्नत कुमार अपने कक्ष में एक महिला श्रीमति देवी का इलाज कर रहे थे। उन्हें दवाई का पुर्जा भी थमा दिया गया था। वहीं, डॉक्टर से मिलने वाले प्रतीक्षा कक्ष में दो बुजुर्ग महिलाएं बैठी हुई थी। एक महिला जयरामपुर थाना क्षेत्र के उखदी गांव निवासी लौसी देवी की उम्र 70 वर्ष है। उन्होंने बताया कि उसके दो पुत्र हैं। दोनों परिवार समेत गुड़गांव में ही रहते हैं और रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। यहां वह अकेले रहती है। उनको बाइक वाले में धक्का मार दिया था, जिससे चोट लग गई है। वह इलाज कराने के लिए इसी अस्पताल के भरोसे तीन माह से आ रही है। बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसके पुत्रों के द्वारा उनका देखभाल नहीं की जा रही है। पुत्र उसे अपने माथे का बोझ समझ रहे हैं और कहते हैं कि बूढ़ी को मरने दो। ठीक उन्हीं के बगल में बैठी नालंदा जिले के सारे थाने के हरगांवां निवासी एक 60 वर्षीय महिला चिता देवी भी इलाज के लिए आई थी। वह नि:संतान हैं। इसी अस्पताल में उनका इलाज होता है। महिला ने बताया कि पड़ोसी द्वारा उनके साथ मारपीट की गई है और यहां वह इलाज के आई है।

---

12:00 बजे

अस्पताल के टीकाकरण कक्ष में टीकाकरण से संबंधित महिलाओं को नर्स द्वारा जानकारी दी जा रही है। गेट पर प्रसव के लिए आई महिला के परिवार के लोग हल्ला कर रहे थे। पता करने पर मालूम हुआ कि अधिक भीड़ न लगे इसके लिए मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट रखने की इजाजत दी गई है। इसके लिए एक पहचान पत्र जारी किया जाता है, जबकि दूसरे परिवार के लोग खाना पहुंचाने के बहाने गार्ड से झगड़ रहे थे। गार्ड ने बताया कि व्यवस्था को ठीक करने के लिए ऐसा किया गया है, ताकि मरीज को दिक्कत नहीं हो। आगे बढ़ने पर प्रभारी का कक्ष खाली पाया गया। पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि वह कभी-कभार ही अस्पताल आते हैं।

---

12:10 बजे

दवा के काउंटर पर एक व्यक्ति द्वारा दवाई देने का काम किया जा रहा है। लोग लाइन में लगकर दवाई ले रहे थे। काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने बताया कि अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध हैं। रेबीज का टीका भी उपलब्ध है तथा सांप काटने की भी दवाई अस्पताल में उपलब्ध है।

chat bot
आपका साथी