धान खरीद में घपले को लेकर डीएम ने गठित की जांच कमेटी

जिला में सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों से की गई धान खरीद में घपले की आशंका के बाद डीएम ने जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में 15 दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। डीएम ने जांच कमेटी को धान बेचने वाले किसानों से सीधी बात करके समूचे धान खरीद के प्रकरण की भौतिक जांच करने को कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Apr 2019 07:59 PM (IST) Updated:Tue, 02 Apr 2019 07:59 PM (IST)
धान खरीद में घपले को लेकर डीएम ने गठित की जांच कमेटी
धान खरीद में घपले को लेकर डीएम ने गठित की जांच कमेटी

शेखपुरा । जिला में सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों से की गई धान खरीद में घपले की आशंका के बाद डीएम ने जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में 15 दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। डीएम ने जांच कमेटी को धान बेचने वाले किसानों से सीधी बात करके समूचे धान खरीद के प्रकरण की भौतिक जांच करने को कहा है। यहां बताना जरुरी है कि खरी-खरी रिपोर्ट परोसने में अग्रणी दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में ही शेखपुरा जिला में धान खरीद में बड़े घपले की आशंका जाहिर करते हुए धान खरीद से जुड़ा विस्तृत समाचार प्रकाशित किया है। इस बाबत जनसंपर्क पदाधिकारी सत्येंद्र प्रसाद ने बताया कि इस मामले में डीएम ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को ही जांच कमेटी का गठन कर दिया है। डीडीसी की अध्यक्षता में गठित जांच कमिटी में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी तथा वरीय कोषागार पदाधिकारी को शामिल किया गया है। संबंधित अंचल के सीओ को भी जांच कमेटी में शामिल किया गया है। जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को जांच कमेटी को धान खरीद से जुड़े सभी महत्वपूर्ण और जरुरी कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अपने आदेश में डीएम ने धान बेचने वाले किसानों से पूछताछ करके उनके नाम पर बेची गई धान का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया है। इधर डीएम द्वारा धान खरीद की जांच के लिए कमेटी गठित करने की कार्यवाही के बाद धान खरीद से जुड़े लोगों ने हड़कंप मच गया है। यहां बताना जरुरी है कि जिला में भारी स्नाख्या में किसानों द्वारा सरकार से सुखाड़ इनपुट सहायता लेने के बाबजूद जिला के पैक्स तथा व्यापार मंडल ने साढ़े 15 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद का दावा किया है। धान खरीद का यह आंकड़ा जिला के तय टारगेट 22 हजार मीट्रिक टन के मुकाबले लगभग 80 प्रतिशत है।  

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