शिवहर- सीतामढ़ी पथ पर कभी भी हो सकता हादसा

शिवहर होकर एनएच 104 का गुजरना सुनकर लोग जितने खुश हुए थे मौजूदा हाल देखकर उतने ही दुखी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 12:27 AM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 06:28 AM (IST)
शिवहर- सीतामढ़ी पथ पर कभी भी हो सकता हादसा
शिवहर- सीतामढ़ी पथ पर कभी भी हो सकता हादसा

शिवहर। शिवहर होकर एनएच 104 का गुजरना सुनकर लोग जितने खुश हुए थे मौजूदा हाल देखकर उतने ही दुखी हैं। बीते पांच वर्षों में चकिया- शिवहर- सीतामढ़ी पथ एनएच 104 का निर्माण नहीं होना विभागीय विफलता का प्रमाण है। वहीं देकुली धाम के समीप तटबंध एवं डुब्बा घाट पुल के बीच बना रेनकट कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। खासकर रात के अंधेरे में या एकाएक तेज रफ्तार वाहन सामने पाकर कोई भी वाहन चालक कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। इतना ही नहीं रेनकट की भयावहता देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर अविलंब उसकी मरम्मत नहीं की गई तो उसका दायरा बढ़ने से वह खासा व्यवधान उत्पन्न कर सकता है। कितु आश्चर्य कि इस ओर न तो राष्ट्रीय उच्च पथ निर्माण कंपनी की नजर है और न ही जिला प्रशासन का। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हो जाती विभाग की निद्रा नहीं टूटती है। वही हाल बागमती नदी पर बने डुब्बा पुल का है। आधा दर्जन स्थानों पर पुल का सतह क्षतिग्रस्त होने से अंदर की छड़ें बाहर निकल आई हैं। जिसके ऊपर से वाहनों का सरपट दौड़ना जारी है। उस क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत करने की आवश्यकता महसूस नहीं की जा रही। - डायवर्सन पर कीचड़ से स्थिति बदहाल

देकुली धाम एवं कमरौली के बीच महादलित बस्ती के पास बने पुल के डायवर्सन की स्थिति नारकीय हो गई है। वहीं कीचड़ भरे गड्ढे राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। बाढ़ के बाद जिला प्रशासन की ओर से मरम्मत के आदेश दिए गए। मरम्मत हुई भी लेकिन वह महज रस्मअदाएगी भर साबित हुई। एनएच निर्माण कंपनी ने महज कुछ ईंट के टुकड़े डालकर अपने क‌र्त्तव्य की इतिश्री कर ली। जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन वहां दुर्घटना होती है कितु इससे किसी को कोई वास्ता नहीं है। हद तो यह है कि वहां पुल बने करीब एक साल पूरे हो गए हैं कितु एक अदद पहुंच पथ नहीं बनाए जाने के कारण उस होकर गुजरना जोखिम भरा काम है। आज शारदीय नवरात्र पर देकुली धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों से जूझते देखा गया

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