जेपी विश्वविद्यालय में तीन पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति

जेपी विवि में राम जयपाल कॉलेज के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कपिलदेव सिंह को जेपीयू का नया कुलानुशासक(प्रोक्टर) बनाया गया है। वे सेवानिवृत कुलानुशासक डॉ. उमाशंकर यादव की जगह लेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 11:11 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 11:11 PM (IST)
जेपी विश्वविद्यालय में तीन पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति
जेपी विश्वविद्यालय में तीन पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति

-डीएसडब्लू डॉ. यूएस ओझा, प्रॉक्टर डॉ. कपिलदेव सिंह व सीसीडीसी डॉ. सुधीर सिंह बने

जागरण संवाददाता , छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में खाली चल रहा तीन महत्वपूर्ण पदों पर शुक्रवार को नियुक्ति कर दी गई है। जेपीयू के जनसंपर्क पदाधिकारी सह एनएसएस के समन्वयक डॉ. हरिश्चंद्र ने बताया कि राम जयपाल कॉलेज के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कपिलदेव सिंह को जेपीयू का नया कुलानुशासक(प्रोक्टर) बनाया गया है। वे सेवानिवृत कुलानुशासक डॉ. उमाशंकर यादव की जगह लेंगे। वहीं पीजी अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. उदय शंकर ओझा को डीएसडब्लू एवं पीजी इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार सिंह को सीसीडीसी बनाया गया है। मालूम हो कि डीएसडब्लू एवं पीजी वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह एवं सीसीडीसी एवं पीजी उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएम हाशमी ने स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से यह पद खाली था। इस संबंध में जेपीयू के कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद सिंह के निर्देश पर कुलसचिव ने पत्र जारी किया है। जेपी विश्वविद्यालय के तीनों नवनियुक्त विश्वविद्यालय पदाधिकारियों को पीएन कॉलेज परसा के प्राचार्य डॉ. पुष्प राज गौतम समेत अन्य शिक्षक एवं छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने बधाई दी है। इनसेट :

आरजे कॉलेज के प्राचार्य ने डॉ. एसए अता से किया शो कॉज

जासं, छपरा : रामजयपाल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने अपने कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शकील अहमद अता से स्पष्टीकरण किया है। कहा गया है कि विभिन्न समाचार पत्रों में आपने प्राचार्य को भ्रष्टाचार में लिप्त लूट खसोट में संलग्न कहा है। वेतन -विपत्र किस बाहरी से बनाया गया एवं कितना भुगतान हुआ का प्रमाण, बंदरबांट का प्रमाण प्रस्तुत करें। पूर्व कुलपति के द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्तता में निलंबन एवं निलंबन के बाद दंड का प्रमाण दें। प्राचार्य ने तीन दिनों के अंदर डॉ. एसए अता से इसका जवाब मांगा है। ऐसा नहीं करने पर उनपर अवमानना एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही गई है।

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