गर्भवतियों की एचआइवी जांच से गर्भस्थ शिशु को किया जा रहा सुरक्षित
जिले में गर्भवतियों की एचआइवी जांच के माध्यम से गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित किया जा रहा है।
छपरा : जिले में गर्भवतियों की एचआइवी जांच के माध्यम से गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही उस दंपती को भी निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में यदि कोई दंपती एड्स से संक्रमित पाया जाते हैं तो उनका उचित उपचार के साथ कुशल चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव भी कराया जाता है ताकि बच्चे को सुरक्षित रखा जा सके। वहीं प्रसव कराते समय स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित ना हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है। ऐसे में सुरक्षित प्रसव के साथ ही उस परिवार को सरकारी लाभ के साथ निशुल्क चिकित्सा और दवा भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
प्रसव जांच के दौरान एचआइवी जांच से एक तो संक्रमण का पता गंभीर रूप लेने से पहले ही पता चल जाता है तो दूसरी तरफ प्रसव काल में ही गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित करने के लिए समय पर इलाज शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में समय रहते ही उपचार संभव हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एड्स जांच को वैसे दंपती को भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस दौरान गर्भवती महिला के साथ उसके पति की भी एड्स जांच कराई जाती है।
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित रखने के लिए विभाग के द्वारा गर्भवती महिला और उसके पति की एचआइवी जांच अनिवार्य की गई है। इससे समय पर गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित किया जा सके तथा उस दंपती को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने बताया कि यदि कोई महिला संक्रमित पायी जाती है तो उसके पहचान को सुरक्षित रखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उसका प्रसव कराया जाता है।