गिरिराज सिंह का बड़ा बयान- बदलनी चाहिए अल्पसंख्यक की परिभाषा
गिरिराज सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक की परिभाषा में बदलाव होना चाहिए। यहां सिख, जैन, बौद्ध धर्मावलंबी सही मायने में अल्पसंख्यक हैं।
छपरा [जेएनएन]। केंद्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत में हिंदुओं की घटती संख्या से सामाजिक समरसता में गिरावट आई है जो गहन चिंता का विषय है। 54 जिलों में हिंदुओं की संख्या गिरावट के निचले स्तर पर पहुंच गई है। अब अल्पसंख्यक की परिभाषा बदलनी चाहिए। इनमें बंगाल, केरल, असम, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के जिले शामिल हैं। ये बातें उन्होंने सोनपुर में हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहीं।
भरपुरा में आयोजित नौ दिवसीय श्रीश्री 108 महारुद्र यज्ञ में शामिल होने आए केंद्रीय मंत्री ने धारा 370 के बारे में कहा कि एक देश में एक कानून होना चाहिए। धारा 370 के संदर्भ में लॉ कमीशन से परामर्श लिया जा रहा है। कहा, कश्मीर समस्या पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की गलतियों का परिणाम है। सरदार बल्लभ भाई पटेल नेता चुने जाते तो यह दुर्दशा नहीं होती।
कहा कि अल्पसंख्यक की परिभाषा बदलनी चाहिए। देश में मुसलमानों की संख्या कुल आबादी की 14 फीसद से अधिक हो गई है। जबकि पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या घटकर 2 फीसद रह गई है। अल्पसंख्यक की परिभाषा में बदलाव होना चाहिए। यहां सिख, जैन, बौद्ध धर्मावलंबी सही मायने में अल्पसंख्यक हैं। भारत में लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 22 देशों में यह कानून लागू है तो भारत में क्यों नहीं। कानून का उल्लंघन करने वालों के मताधिकार पर रोक तथा आर्थिक प्रतिबंध लगाना चाहिए। जनसंख्या का आलम यही रहा तो अगले 10 वर्षों में भारत में शुद्ध पेयजल की घोर किल्लत हो जाएगी। अयोध्या में मंदिर के संबंध में कहा कि शिया वक्फ बोर्ड ने इसका समर्थन किया है। सुन्नी भाइयों को भी उदारता का परिचय देना चाहिए। करोड़ों हिंदुओं की आस्था भगवान श्रीराम में है। सिंह ने कहा कि वे मुस्लिम विरोधी नहीं हैं। मुसलमानों को देश की मुख्यधारा से जोड़ा जाना चाहिए।