अनंत चतुदर्शी व्रत आज, बाजारों में उमड़ी भीड़

छपरा। भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुदर्शी तिथि को श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ अनंत भगवान की पूजा क

By Edited By: Publish:Thu, 15 Sep 2016 02:54 AM (IST) Updated:Thu, 15 Sep 2016 02:54 AM (IST)
अनंत चतुदर्शी व्रत आज, बाजारों में उमड़ी भीड़

छपरा। भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुदर्शी तिथि को श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ अनंत भगवान की पूजा करते है। इस वर्ष अनंत चतुदर्शी 15 सितंबर को है। यह एक सामाजिक समरसता का व्रत है, जो पितृपक्ष के आगमन के एक दिन पहले मनाया जाता है। पंडित अनित शुक्ल ने बताया कि अनंत चतुदर्शी को कुशा के शेष नागयुक्त अनंत भगवान की पूजा की जाती है। अनंत चतुदर्शी को लेकर बुधवार को बाजारों में फल, सेवई, आटा व अनंत का धागा खरीदने के लिए लोगों की भीड़ थी। श्रद्धालु नर -नारी कुमकुम व हल्दी से चौका पूरकर कुशा के नेष नागयुक्त अनंत भगवान को विरामान कर पूरे विधि विधान से पूजा करते है। इसके बाद चौदह गांठ वाले धागे से अनंत भगवान की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के अनंत रूप में पूजा-अर्चना के बाद व्रती पूरे विधि विधान के साथ पुरूष दायें हाथ एवं महिला बायें हाथ में अनंत का धागा बांधती है। चौदह रूपी अनंत चौदह लोक के प्रतीक है। अनंत बांधकर श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं कि हे वासुदेव इस अनंत संसार रूपी महा समुंद्र में डूबे लोगों की रक्षा करें । भाद्रपदमास के विशेष तिथि को नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से देवता और दानव के बीच समुंद्र मंथन आरंभ हुआ था। व्रती इस दिन चूड़ा, पुआ एवं सेवई का सेवन व्रती करते है। अनंत व्रत के दिन व्रती सूर्यास्त के बाद अन्न व जल ग्रहण नहीं करते है।

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