मोरवा में नक्सलियों के खिलाफ हुई कार्रवाई में दो गिरफ्तार

समस्तीपुर। मोरवा के हलई ओपी क्षेत्र के लडुआ गांव के बांगड़ गाछी और वैशाली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात तक पुलिस कार्रवाई चलती रही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 10:12 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 10:12 PM (IST)
मोरवा में नक्सलियों के खिलाफ हुई कार्रवाई में दो गिरफ्तार
मोरवा में नक्सलियों के खिलाफ हुई कार्रवाई में दो गिरफ्तार

समस्तीपुर। मोरवा के हलई ओपी क्षेत्र के लडुआ गांव के बांगड़ गाछी और वैशाली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात तक पुलिस कार्रवाई चलती रही। पटना एसटीएफ एवं वैशाली जिला की पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई में एक बाइक सहित दो युवकों को गिरफ्तार कर साथ ले गई। गिरफ्तार युवकों ने अपने को निर्दोष बताते हुए खुद को रिश्तेदारी में आना बताया। उसके तथाकथित रिश्तेदारों ने गिरफ्तार युवकों को पहचानने से इंकार कर दिया। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गिरफ्तार युवकों से प्राप्त मोबाइल में कुछ संदिग्ध लोगो का नंबर मिले हैं। विदित हो कि बांगर गाछी में शुक्रवार की शाम पांच नक्सलियों के होने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई थी। शुक्रवार की शाम पांच बजे पटना एसटीएफ एवं वैशाली पुलिस ने नक्सलियों को घेरना शुरू किया। पुलिस को देखते ही सभी संदिग्ध भागने लगे। पुलिस की फायरिग से भयभीत होकर दो युवक एक बाइक के साथ पुलिस के हाथों गिरफ्तार हो गए। जबकि पूर्व से वांटेड शातिर तीन नक्सल अपराधी फायरिग करते हुए भागने में कामयाब हो गए। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार एसटीएफ जवानों की फायरिग में एक अपराधी घायल हो चुका था। घायल अपराधी को कहीं अधिक दूर नहीं भागे होने की आशंका पर देर रात तक पुलिस द्वारा खोजबीन जारी रही। देर रात तक पुलिस कार्रवाई के बावजूद भाग चुके शातिर अपराधियों का सुराग नहीं मिल पाने के कारण गिरफ्तार युवकों को लेकर पुलिस वापस लौट गई। लड़ुआ गाछी बनी शरणस्थली

हलई ओपी अंतर्गत लड़ुआ पंचायत का बांगर गाछी, संपूर्ण मोरवा प्रखंड का चंबल घाटी बनकर रह गया है। जहां दिन में भी जाने में लोग हिचकते रहते हैं। वैशाली जिले के सीमा के निकट लगभग सात सौ एकड़ में फैला हुआ है। स्थानीय ग्रामीण मिट्ठू झा के अनुसार इस बीहड़ गाछी में दिन में भी लोगों को जाने में हिचक महसूस होती है। स्थानीय किसान सुरेश प्रसाद सिंह एवं राघो प्रसाद सिंह के अनुसार अपराधियों द्वारा यदा कदा खेत में काम करने वाले किसानों को भी काम करना बंद कराकर कई बार लौटा दिया गया है। स्थानीय ग्रामीण रंजीत कुमार पांडेय के अनुसार इस बांगर गाछी में इतने बड़े बड़े खाई एवं गड्ढे हैं, जिस में कहां कौन छुपा हुआ है पता चलना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान मुखिया प्रियंका प्रिया के अनुसार बहुत पूर्व में हलई पुलिस द्वारा अपराधियों की गतिविधि पर नियंत्रण किया गया था। यदि फिर से पुलिस के द्वारा इस बीहड़ बांगर गाछी के प्रति मुसस्तैदी बरती जाए तो आपराधिक गतिविधि समाप्त हो सकती है। ओपी अध्यक्ष संदीप कुमार पाल के अनुसार इस बांगर गाछी में आपराधिक गतिविधि की पहले से किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली थी। हलई ओपी के विस्तृत क्षेत्र के अनुरूप सुरक्षा बल एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद आम जनों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस हर क्षण मुस्तैद रहती है।

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