तीन हत्या के आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा

समस्तीपुर। विभूतिपुर थाना के खोकसाहा गांव में बीस वर्ष पूर्व हुई राम प्रकाश महतो हत्या मामले के तीन दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2019 06:32 AM (IST)
तीन हत्या के आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा
तीन हत्या के आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा

समस्तीपुर। विभूतिपुर थाना के खोकसाहा गांव में बीस वर्ष पूर्व हुई राम प्रकाश महतो हत्या मामले के तीन दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई। सजावार हत्यारोपी में खोकसाहा के सौखी महतो के पुत्र रामदयाल महतो, स्व. रामजी महतो के पुत्र श्रवण महतो तथा रामकिशुन महतो का पुत्र रामाशीष महतो शामिल है। बुधवार को सजा के बिदु पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिंह ने तीनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 302 /34 में आजीवन कारावास तथा दस- दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। वहीं धारा 27 (1) शस्त्र अधिनियम के तहत तीनों को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई । राशि अदा नहीं करने पर एक एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भी दी गई। न्यायालय ने सभी सजाएं साथ साथ चलाने का आदेश पारित किया है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से शिव शंकर प्रसाद यादव एवं सीताराम यादव तथा बचाव पक्ष से परमेश्वर प्रसाद सिंह एवं शतीकांत सहनी ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की।

बीस वर्ष पूर्व हुई थी हत्या

बीस वर्ष पूर्व दर्ज विभूतिपुर थाना कांड संख्या 180/1998 से संबंधित सत्रवाद संख्या 475/ 2000 की सुनवाई के पश्चात गत गुरुवार को एडीजे ने तीनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 302/ 34 एवं 27 आ‌र्म्स एक्ट में दोषी करार दिया था। जबकि दो अभियुक्तों योगेंद्र महतो एवं फूलों महतो को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया था। सुप्तावस्था में रामप्रकाश को मारी थी गोली

20 वर्ष पूर्व नहर में मछली बाड़ी लगाने के विवाद को लेकर लाल बाबू की हत्या करने आए अपराधियों ने उसके दादा राम प्रकाश महतो के सर में ही गोली मार दी थी। इस संबंध में मृतक के पुत्र राम अवतार महतो द्वारा विभूतिपुर थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी संख्या 180/ 2098 में 5 लोगों को नामजद किया गया था। जिसमे घटना का समय 2:00 बजे रात में बताते हुए कहा था कि वह अपने दुकान के अंदर सोया था। बाहर मुंह ढक कर सोए पिताजी को अपराधियों ने गोली मार दी थी। आवाज सुन बाहर निकलने पर सभी अभियुक्तों को भागते हुए देखा। वादी के अनुसार नहर विवाद को लेकर अपराधी उसके पुत्र को गोली मारने आए थे। लेकिन गलतफहमी में दादा को गोली मार दी। घटना का कारण नहर में लगे मछलीबाड़ी को लेकर दो पक्षों में विवाद था। उसका पुत्र लाल बाबू एक पक्ष की मदद करता था। और उसी रंजिश में दूसरे पक्ष के लोग लालबाबू की हत्या के नियत से आए और मुंह ढक कर सोए हुए राम प्रकाश महतो के सर में गोली मार कर फरार हो गया।

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