पूर्व जदयू विधायक के घर पसरा सन्नाटा, समर्थकों में मायुसी
समस्तीपुर। विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह और उनके छोटे भाई शिक्षक लालबाबू सिंह को न्यायालय द्वारा पांच वर्ष की सजा व 15 हजार रुपये अर्थदंड लगाए जाने के बाद उनके घर पर सन्नाटा पसरा है।
समस्तीपुर। विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह और उनके छोटे भाई शिक्षक लालबाबू सिंह को न्यायालय द्वारा पांच वर्ष की सजा व 15 हजार रुपये अर्थदंड लगाए जाने के बाद उनके घर पर सन्नाटा पसरा है। पूर्व विधायक के समर्थकों में मायूसी है। जदयू कार्यकर्ता, शुभचितक सहित परिवार के लोग हतोत्साहित हैं। इनके घर पर संध्याकालीन बेला में फरियादियों व समर्थकों का जुटान होता था। मगर, न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद से लोग स्तब्ध हैं। इनके स्वजनों द्वारा कुछ बताने की बजाय चुप्पी साधी जा रही है। समर्थकों और जदयू कार्यकर्ताओं ने अब ऊपरी न्यायालय पर भरोसा जताया है। विगत 11 सितंबर को भी शिवनाथपुर गांव स्थित पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह के आवासीय परिसर में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक बैठक हुई थी। जदयू प्रखंड अध्यक्ष अशोक पटेल की अध्यक्षता वाली इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जदयू कार्यकर्ता न्यायालय के आदेश का सम्मान करेंगे। कहा था कि न्यायालय का फैसला आने के बाद आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा। हालांकि, कार्यकर्ताओं में शामिल जदयू नेता सत्यनारायण राय, तरुण कुमार सिंह, नरेश कुमार प्रभाकर, बुरहा भाई, राजीव कुमार सिंह, राजकुमार महतो, अशोक कुमार सिंह, अर्जुन कुमार सिंह, रामचंद्र महतो, अवधेश राय, राम इकबाल राय, प्रीति कुमारी, चांदनी देवी, गुड्डू सिंह, लाल बाबू महतो आदि ने एक स्वर में मुकदमे को 16 आना झूठा करार दिया था। इधर, सोमवार को न्यायालय का फैसला आने के बाद शुभचितक हालात जानने को बेताब रहे। 21 वर्षों के संघर्ष के
बाद मिला परिणाम
न्यायालय के इस फैसले से माकपा कार्यकर्ताओं में हर्ष का भाव दिख रहा है। माकपा नेता सह घटना के सूचक ललन सिंह बताते हैं कि वे न्यायालय के फैसले से खुश हैं। न्यायालय के फैसले पर कहा कि एक गरीब आदमी भी लड़कर न्याय ले सकता है और उसे न्याय मिलता है। ललन ने बताया कि 21 वर्षों तक माकपा नेता द्वारा संघर्ष की बदौलत मुकदमे को इस मुकाम तक पहुंचाया।