एनडीपीएस एक्ट में आरपीएफ को मिला केस दर्ज करने का अधिकार

समस्तीपुर। अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ट्रेनों में मादक पदार्थों की तस्करी और इसके सेवन पर रोक लगाने में सशक्त भूमिका निभाएंगें।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 10:30 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 10:30 PM (IST)
एनडीपीएस एक्ट में आरपीएफ को मिला केस दर्ज करने का अधिकार
एनडीपीएस एक्ट में आरपीएफ को मिला केस दर्ज करने का अधिकार

समस्तीपुर। अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ट्रेनों में मादक पदार्थों की तस्करी और इसके सेवन पर रोक लगाने में सशक्त भूमिका निभाएंगें। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल को जांच के विशेष अधिकार मिल गए हैं। पिछले दिनों आरपीएफ के आइजी स्तर की हुई बैठक में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से संबंधित मामलों के निपटारा का जिम्मा दिया गया। इस अधिकार के बाद आरपीएफ शक होने पर जांच कर नशीले पदार्थों को बरामद कर सकती है। अब तक मादक पदार्थों की जांच और बरामदगी की जिम्मेदारी सिर्फ जीआरपी के पास थी। ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और जांच की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लेती है। ट्रेनों में होने वाले आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए राज्य पुलिस ने अपनी विशेष शाखा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) का गठन की है। ट्रेनों में लूट पाट, मारपीट, हत्या, तस्करी आदि की जांच जीआरपी करती रही है। वहीं, रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की अपनी सशस्त्र बल रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) उठाती रही है। बेटिकट यात्रियों की धरपकड़ के साथ रेल संपत्ति की चोरी आदि की रोक की जिम्मेदारी भी आरपीएफ उठाती रही है। ट्रेनों में आपराधिक घटनाएं होने पर आरपीएफ हस्तक्षेप करती थी, लेकिन मामला जीआरपी को दे देती है। लंबे समय से आरपीएफ को अधिक अधिकार देने की मांग की जाती रही है। इसके तहत ही अब नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 67 के तहत कार्रवाई का अधिकार आरपीएफ को दी है। इसके तहत आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक से ऊपर के अधिकारी जांच कर सकते हैं और मादक पदार्थ बरामद होने पर तस्कर, विक्रेता को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज करेंगे और जांच करेंगे। इससे ट्रेनों से मादक पदार्थों की तस्करी पर बहुत हद तक रोक लगाने में मदद मिलेगी। कार्यशाला में एनडीपीएस एक्ट पर कार्रवाई की मिली जानकारी

मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय स्थित मंडल सुरक्षा आयुक्त के कक्ष में शनिवार को रेलवे सुरक्षा बल को एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज करने का शक्ति मिलने पर कार्यशाला आयोजित हुई। अध्यक्षता मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान त्रिपाठी ने की। कमांडेंट ने एनडीपीएस एक्ट के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए तकनीकी बातों से अवगत कराया। एक्ट की जानकारी देने के साथ ही कायदों का पाठ भी पढ़ाया। जांच के दौरान आने वाली परेशानियों और उनसे निबटने के उपायों के बारे में बताया। साथ ही प्राथमिकी दर्ज करने के दौरान लिए जाने वाले तथ्यों से भी अवगत कराया। मौके पर आरपीएफ एएसआइ अनिल कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, रघुनंदन प्रसाद यादव आदि उपस्थित रहे।

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