रमजान के पहले जुमे को अता की नमाज, रहमत व बरकत के लिए मांगी दुआ

समस्तीपुर। पवित्र रमजान के पहले जुमा को लोगों ने पूरी शिद्दत और अकीदत के साथ रोजा रखा। नमाजियों ने खुदा से अपनी रहमत और बरकत बरसाने की लिए दुआ मांगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 May 2019 11:51 PM (IST) Updated:Sat, 11 May 2019 06:26 AM (IST)
रमजान के पहले जुमे को अता की नमाज, रहमत व बरकत के लिए मांगी दुआ
रमजान के पहले जुमे को अता की नमाज, रहमत व बरकत के लिए मांगी दुआ

समस्तीपुर। पवित्र रमजान के पहले जुमा को लोगों ने पूरी शिद्दत और अकीदत के साथ रोजा रखा। नमाजियों ने खुदा से अपनी रहमत और बरकत बरसाने की लिए दुआ मांगी। शहर के गोला रोड और धर्मपुर स्थित जामा मस्जिद, आजाद चौक स्थित ताज, काशीपुर, राजखंड मस्जिदों में काफी संख्या में लोगों ने जुम्मे की नमाज अता की। हसनपुर,संस: रमजान के पहले जुमे शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों में नमाजियों की भारी भीड़ रही। नमाज से पूर्व विभिन्न मस्जिदों में उलेमा-ए-कराम ने माहे रमजान की अजमतों और बरकतों का जिक्र किया। बाजार के जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मिन्नतुल्लाह ने माहे मुकद्दस को बंदों के लिए अल्लाह का इनाम बताया। उन्होंने नमाजियों को खिताब करते हुए कहा कि रमजान ऐसा बरकत का महीना है जिसमें जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नुम के दरवाजे बंद कर शैतान को कैद कर दिए जाता है। इस माह में एक रात ऐसी भी है जिसकी इबादत हजार महीनों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस माह की अहमियत समझना चाहिए। जिस दिन लोग रमजान के महत्व से वाकिफ हो जाएंगे, फिर उन्हें कुछ बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह दुश्मन से बचने के लिए ढाल की जरूरत पड़ती है। उसी तरह शैतान के वार से रोजा बचाता है। रोजेदारों को लड़ाई झगड़े और फसादात से दूर रहने की हिदायत करते हुए कहा कि कोई अगर आप को गाली भी दे तो आप कहें कि भाई मैं रोजा में हूं। इसके बावजूद वह आपसे झगड़ना चाहे तो आप वहां से हट जाएं। रोजा रखकर गुस्सा करने से रोजे का मकसद पूरा नहीं होता। बाजार के जामा मस्जिद के अलावा रामपुर मस्जिद, बहत्तर मस्जिद, शासन मस्जिद, सपरी मस्जिद, सिरसिया मस्जिद सहित प्रखंड के सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले तकरीर की गई।

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