जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव से लोग परेशान

सरकारी स्तर से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। स्थिति यह बनी है कि लोग अपने नाम की जमाबंदी तथा करेंट रसीदवाली जमीन की रजिस्ट्री करने आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 01:34 AM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 06:17 AM (IST)
जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव से लोग परेशान
जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव से लोग परेशान

समस्तीपुर । सरकारी स्तर से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। स्थिति यह बनी है कि लोग अपने नाम की जमाबंदी तथा करेंट रसीदवाली जमीन की रजिस्ट्री करने आते हैं। कातिब चालान की राशि भी जमा कर देता है, परंतु रजिस्ट्रार के पास जाने के बाद पता चलता है कि जमीन नये नियम के तहत रजिस्ट्री नहीं की जा सकती। शुक्रवार को किशनपुर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में सन्नाटा पसरा था। कर्मियों के पास भी कोई काम नहीं था। हालांकि, रजिस्ट्रार प्रियदर्शन ऑफिस में कुछ विभागीय कार्य करते मिले। उनका कहना था कि इस अधिसूचना के जारी होने के बाद विक्रेता के नाम से जमाबंदी अनिवार्य तो है ही, साथ में ऑनलाइन में उसका खाता-खेसरा भी उल्लेखित होना जरूरी है। वह बताते हैं कि अधिसूचना जारी होने से पूर्व इस माह के चार दिनों में 281 जमीन की रजिस्ट्री की गई थी। वहीं, अधिसूचना जारी होने के बाद दो दिनों तक को कई कातिब चालान जमा कर कागज लाते थे तो वह सही नहीं रहने के कारण जांच मे हीं छंट जाता था। फिर 12 अक्टूबर को कातिब भरत राय द्वारा यहां खाता खोला गया और 15 तक उन्होंने लगातार छह कागजात का काम संपादित करवाया। अधिसूचना जारी होने बाद से अबतक कुल 16 रजिस्ट्री की जानकारी दी। वहीं सरकार द्वारा निर्धारित राजस्व की वसूली अबतक शत-प्रतिशत तथा सितंबर माह में डेढ़ सौ प्रतिशत होने की बातें कहीं। कार्यालय के बाहर बैठे कातिब बताते हैं कि वर्ष 1916 से पूर्व जिन व्यक्ति के नाम से जमाबंदी दर्ज है, उनका भी निबंधन फिलवक्त असंभव हो गया है। उनकी जमाबंदी ऑनलाइन चेक करने पर खाता-खेसरा की जगह शून्य लिखा हुआ आता है।

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