दैहिक, दैविक व भौतिक तापों से यहां मिलती है मुक्ति

बथुआ बुर्जुग में स्थापित हैं बलभेश्वर महादेव। कहते हैं कि इस महादेव की अराधना से लोगों को दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है।

By Edited By: Publish:Wed, 10 Aug 2016 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 10 Aug 2016 11:52 PM (IST)
दैहिक, दैविक व भौतिक तापों से यहां मिलती है मुक्ति

समस्तीपुर। बथुआ बुर्जुग में स्थापित हैं बलभेश्वर महादेव। कहते हैं कि इस महादेव की अराधना से लोगों को दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है। मंदिर निर्माण के सातवें दशक बाद भी यहां पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं में कमी नहीं है। यहां सच्चे मन से की गई महादेव की अराधना हमेशा फलीभूत होते देखा गया है।

मंदिर का इतिहास

ग्रामीणों के मुताबिक ब्रिटिश शासनकाल में शिव के परमभक्त राम बल्लभ ¨सह एक बार भारी मुसीबत में फंस गये। उन्हें कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। एक रात महादेव ने इन्हें स्वप्न में आकर कहा कि तुम अपने घर के समीप शिव¨लग की स्थापना कर उसकी अराधना शुरू कर दो। तुम्हारी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। नींद खुलने के बाद उनकी बेचैनी और बढ़ गई। उन्होंने स्थानीय पंडितों से राय- शुमारी कर शीघ्र निर्दिष्ट स्थान की सफाई करवायी। फिर उसी स्थान पर मंदिर निर्माण की आधारशिला रख दी। और मंदिर का निर्माण भी छह माह के अंदर पूरा कर दिया गया। यह घटना पचास के दशक की है। बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार समाजसेवी प्रो. अमरेन्द्र कुमार ने करवाया। मंदिर निर्माण के सात दशक बाद भी यह स्थान शिवभक्तों के आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है।फोटो : 10 एसएएम 27

बलभेश्वर महादेव के प्रति स्थानीय श्रद्धालओं की अटूट आस्था है। जो नियमित रूप से उनकी अराधना करते आते रहे है। यहां दूर-दराज के लोग भी मन्नतें मांगने आते हैं। मन्नतें पूरी होने पर वे यहां यज्ञ-अनुष्ठान करवाते हैं।

प्रो. अमरेन्द्र कुमार, बथुबा बुजुर्गफोटो : 10 एसएएम 28

बलभेश्वर महादेव की ग्रामीणों पर विशेष कृपा है। तभी तो मंदिर निर्माता के परिवार में एक भारत सरकार के माई¨नग निदेशक पद पर कार्यरत हैं, वहीं अभियंताओं में एक आस्ट्रेलिया तथा दूसरे दुबई में कार्यरत हैं। परिवार के अन्य लोग भी सुख शांति से जीवन यापन कर रहे हैं।नवीन कुमार ठाकुर

श्रद्धा का महासावन

फोटो : 10 एसएएम 29

धैर्यपूर्वक जीने का संदेश देते हैं शिव। शिव वैद्यनाथ हैं, विषाक्त लोकजीवन के उपचारक हैं। जहरीले पदार्थों से जुड़ना उनके शिवत्व का द्योतक है। उनका यह रूप जहर के साथ धैर्यपूर्वक जीने का संदेश देता है। शिव की अराधना से हमेशा शुभ फल मिलता है। श्रावण मास में श्रद्धा एवं भक्ति के साथ की गई शिव की आराधना का विशेष महत्व रहता है।

मुख्य पुजारी, सोनू झा

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