किट के अभाव में लटकी पड़ी है कोरोना की कंफर्म टेस्ट रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को ले जिला प्रशासन सख्त हो गया है। लेकिन कोरोना जांच की कंफर्म रिपोर्ट नहीं आ रही है। ट्रूनेट मशीन से कंफर्मेटरी टेस्ट नहीं हो रहा है जिस वजह से मरीजों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 12:57 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 01:03 AM (IST)
किट के अभाव में लटकी पड़ी है कोरोना की कंफर्म टेस्ट रिपोर्ट
किट के अभाव में लटकी पड़ी है कोरोना की कंफर्म टेस्ट रिपोर्ट

समस्तीपुर । कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को ले जिला प्रशासन सख्त हो गया है। लेकिन, कोरोना जांच की कंफर्म रिपोर्ट नहीं आ रही है। ट्रूनेट मशीन से कंफर्मेटरी टेस्ट नहीं हो रहा है जिस वजह से मरीजों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है। इसके पीछे के कारणों की जानकारी ली गई तो मालूम हुआ कि जिले में कंफर्मेटरी टेस्ट किट ही नहीं है। वैसे तो सदर अस्पताल में स्थापित लैब में लगी ट्रूनेट मशीन से सैंपल की रोजाना जांच हो रही है। लेकिन, कंफर्मेटरी किट के अभाव में दूसरी जांच नहीं हो पा रही है। इस कारण यह पता नहीं चल पा रहा है कि जिस व्यक्ति के सैंपल की पहली जांच हुई वह पॉजिटिव है या निगेटिव।

सदर अस्पताल की लैब में पहले सिर्फ प्राइमरी टेस्ट होता था। दूसरी जांच के लिए सैंपल पटना भेजा जाता था। वहां की जांच से यह पता चलता है कि कितने लोग पॉजिटिव व कितने निगेटिव हैं। लेकिन, बाद में सदर अस्पताल की इसी लैब में कंफर्मेटरी टेस्ट की सुविधा मुहैया कराई गई। कंफर्मेटरी किट से जांच के बाद यहीं से कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट कंफर्म हो जाती थी। फिर कंफर्म होने के लिए किसी के सैंपल को पटना नहीं भेजना पड़ता था। इससे रिपोर्ट भी चंद घंटों में आ जाती है, जिससे संक्रमित मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो जाता था। लेकिन, किट के अभाव में जांच का संकट उत्पन्न हो गया है। दूसरी जांच में होता है कंफर्म

पहले जो जांच होती थी उससे कोरोना के वायरस के ई-जिन के बारे में पता चलता था। लेकिन, बाद में कंफर्मेटरी किट से जांच में यह कंफर्म हो जा रहा था कि मरीज पॉजिटिव है या नहीं। किसी भी संदिग्ध का सैंपल लिए जाने के बाद उसकी दो तरह से जांच होती है। पहली जांच में पॉजिटिव आने पर उसे दोबारा कंफर्मेटरी किट से जांच की जाती है। उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे कोरोना संक्रमित माना जाएगा। ऐसे लिया जाता है स्वाब

चिकित्सक के अनुसार, संदिग्ध के गले के अंदर से स्वाब लिया जाता है। स्वाब की मात्रा कीट में भरकर संदिग्ध के पूरे विवरण के साथ उसे जांच के लिए भेजा जाता है, जहां की मेडिकल टीम सैंपल की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराती है। अंतिम मानी जाती है जांच रिपोर्ट

जिले में कोविड-19 संक्रमित मशीन की जांच सत्यापित करने के लिए ट्रूनेट मशीन में उपयोग की जाने वाली कंफर्मेटरी किट उपलब्ध कराए जाने से जांच आसान हो गई थी। कंफर्मेटरी किट से जांच करने के बाद भी यदि मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव ही आती है, तो फिर से मरीज के सैंपल की जांच आरटी पीसीआर मशीन से कराने की आवश्यकता नहीं होगी। ट्रूनेट मशीन की जांच हो ही अंतिम मान लिया जाएगा।

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