करेह के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी, बाढ़ का मंडरा रहा खतरा

करेह नदी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शिवाजीनगर में तटबंध पर पानी का दबाव काफी बढ़ने से लोग भयभीत हैं। मंगलवार को भी सोभिया गुलराही एवं घिवाही स्लूस गेट के निकट रिसाव होना प्रारंभ हो गया। जिसे अभियंताओं ने ट्रीटमेंट कर रिसाव को बंद कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 01:25 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 01:25 AM (IST)
करेह के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी, बाढ़ का मंडरा रहा खतरा
करेह के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी, बाढ़ का मंडरा रहा खतरा

समस्तीपुर । करेह नदी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शिवाजीनगर में तटबंध पर पानी का दबाव काफी बढ़ने से लोग भयभीत हैं। मंगलवार को भी सोभिया, गुलराही एवं घिवाही स्लूस गेट के निकट रिसाव होना प्रारंभ हो गया। जिसे अभियंताओं ने ट्रीटमेंट कर रिसाव को बंद कर दिया। वहीं सोभिया गम्हरिया गांव के ढा़ला के निकट तटबंध के उपर से पानी के बहाव को रोकने के लिए बालू से भरे बोरा डालकर ओवरफ्लो को रोका गया। जेई मुरली मनोहर सुधांशु ने बताया कि हायाघाट में करेह नदी का जलस्तर मंगलवार की दोपहर तक खतरे के निशान से 2 मीटर 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। अभी तक बोराज से लेकर कोठिया स्लूस गेट तक करेह नदी का तटबंध सुरक्षित है। वहीं विपक्षी दल के कॉग्रेस, राजद एवं भाकपा के कई कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग पर आरोप लगाया है कि समय रहते सिरसिया- सिरनिया करेह नदी तटबंध के बायें भाग पर विभागीय टेंडर निकाल कर मिट्टी करण कराया जाता तो करेह नदी के दाएं भाग जैसा तटबंध बन जाने से लोगों में अफरातफरी एवं बाढ़ की आशंका नहीं रहती। शिवाजीनगर प्रखंड के इस क्षेत्र के लोगों ने भी आरोप लगाया है कि सरकारी अनदेखी के कारण इस तटबंध का ऐसा हाल बना हुआ है। 1952 और 1954 के दशक में तटबंध निर्माण होने से लेकर अभी तक इस तटबंध पर एक टोकड़ी भी मिट्टी नहीं डाला गया। लोगों ने सरकार से मांग की है कि सिरसिया सिरनिया तटबंध को हायाघाट से लेकर बिथान प्रखंड के अंतिम छोड़ तक मिटटीकरण कराकर मजबूत किया जाय। कोल्लुहा घाट पुल पर पानी बहाव की संकीर्णता को कम करने के लिए दोनों ओर दो-दो पाये बढा़ए जाएं।

chat bot
आपका साथी