डेहरी से बंजारी तक फिर से दौड़ेगी रेलगाड़ी

चार दशक से बंद पड़ी डेहरी से पीपरडीह तक मीटर गेज लाइन पर अब फिर से रेलगाड़ी ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Sep 2017 03:09 AM (IST) Updated:Thu, 21 Sep 2017 03:09 AM (IST)
डेहरी से बंजारी तक फिर से दौड़ेगी रेलगाड़ी
डेहरी से बंजारी तक फिर से दौड़ेगी रेलगाड़ी

रोहतास । चार दशक से बंद पड़ी डेहरी से पीपरडीह तक मीटर गेज लाइन पर अब फिर से रेलगाड़ी दौड़ेगी। प्रथम चरण में रेलवे 36.4 किलोमीटर तक रेल लाइन का निर्माण करेगा। इसपर एक अरब छह करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होंगे। सर्वे व अन्य कार्य में अबतक सात करोड़ से अधिक राशि खर्च की जा चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।

चार दशक पूर्व डेहरी-रोहतास लाइट रेलवे पर ट्रामवे कंपनी रेलगाड़ी का परिचालन करती थी। यह कंपनी डालमिया के स्वामित्व वाली रोहतास इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी थी। कंपनी कच्चे मालों को कैमूर पहाड़ी से लाने व अपनी औद्योगिक जरूरतों के लिए इस रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन शुरू की थी। बाद में इसपर सवारी गाड़ी का भी परिचालन शुरू किया गया। ट्रामवे कंपनी का नाम बदलकर बाद में लाइट रेलवे कंपनी कर दी गई।

रेल मंत्रालय ने निर्माण को दी हरी झंडी :

2008 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने डेहरी से बंजारी तक रेल लाइन शुरू कराने की घोषणा की थी। बजट में भी इसका उल्लेख किया गया था। परंतु बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद स्थानीय सांसद छेदी पासवान की पहल पर रेल मंत्रालय ने इस रेलमार्ग का नए सिरे से सर्वे करा रेल लाइन बिछाने का निर्णय लिया। इसपर एक अरब छह करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। मार्च 2016 तक तीन करोड़ 66 लाख व वर्ष 2016-17 में तीन करोड़ 56 लाख रुपये खर्च किए गए। जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

1911 में हुई थी डेहरी-रोहतास लाइन पर ट्रेन की शुरुआत :

डेहरी रोहतास लाइट रेलवे ( डीआरएलआर) पर यात्री गाड़ियों के संचालन की शुरुआत 1911 में हुई थी। 1913-14 में इस रेल मार्ग पर 50 हजार से ज्यादा सवारी व 90 हजार टन से ज्यादा माल की ढुलाई की जा रही थी। 1927 में डेहरी रोहतास लाइट रेलवे का मार्ग विस्तार कर रोहतास से रोहतासगढ़ फोर्ट तक किया गया। वहीं रोहतास इंडस्ट्रीज के कारण इस लाइन का विस्तार 25 किलोमीटर और आगे तिउरा पीपराडीह तक ले जाया गया। इस तरह रेलमार्ग की कुल लंबाई 67.5 किलोमीटर हो गई।

भाप इंजन का दौर:

डेहरी रोहतास रेलवे का संचालन अलग अलग तरह के लोको (इंजन) से होता था। इसकी शुरुआत हंसले द्वारा निर्मित टैंक लोको से हुई, जो असम से थेरिया रेलवे मार्ग के 1909 में बंद होने के बाद यहां लाई गई थी।

डेहरी रोहतास रेल लाइन बंद होने का कारण:

1980 के दशक में रोहतास इंडस्ट्रीज और इसके मार्ग पर अमझोर और बंजारी में चलने वाले उद्योग धंधे भी एक एक कर बंद होने लगे। जिसके बाद रोहतास उद्योग समूह ने डेहरी रोहतास रेल मार्ग को बंद करने का फैसला किया। अंततोगत्वा 16 जुलाई 1984 को डेहरी रोहतास रेल मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया गया।

कहते हैं सांसद :

डेहरी से बंजारी तक 36.4 किलोमीटर तक रेल लाइन निर्माण के लिए रेल मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर बजट में भी इसे शामिल किया है। उत्तर प्रदेश के राब‌र्ट्सगंज तक रेल लाइन निर्माण की मांग मंत्री से किए हैं। मंत्री ने भरोसा भी दिया है। फिलहाल डेहरी से बंजारी तक 36.4 किलोमीटर रेल लाइन निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

छेदी पासवान

सांसद- सासाराम

डेहरी रोहतास लाइट रेलवे के स्टेशन

1. डेहरी ओन सोन

2. डेहरी सिटी

3. बडीहा शंकरपुरी

4. इंद्रपुरी

5. तिलौथू

6. तिलौथू बाजार

7. तुंबा

8. रामडिहरा

9. बंजारी

10. रोहतास

11. रोहतास फोर्ट

12. बौलिया रोड

13. महादेवपुरी भद्रा

14. नीमहाट

15. नौहट्टा रोड

16. तिउरा पीपराडीह

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