बंधुआ मजदूरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जिलाधिकारी से मांगा जवाब
जिले के ईंट-भट्ठों पर जबरन मजदूरी कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीएम से जवाब मांगा है।
जिले के ईंट-भट्ठों पर जबरन मजदूरी कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीएम से जवाब मांगा है। सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद हुसैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय पीठ ने नौ जून तक ईंट-भट्ठों पर काम कर रहे बंधुआ मजदूरी के पीड़ितों की मदद की दिशा में की गई कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन के साथ जवाब देने को कहा है, ताकि मामले को निष्पादित किया जा सके।
जानकारी के मुताबिक जिले के भरकोल व धौडाड़ (सासाराम) में संचालित हो रहे ईंट-भट्ठों पर मजदूरों से जबरन मजदूरी कराने की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता ने इस वर्ष अप्रैल में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की थी। ईंट-भट्ठों पर बंधुआ मजदूरी करने वाले गर्भवती महिलाओं और बच्चों समेत पीड़ितों को तत्काल छोड़े जाने और उनके पुनर्वास की मांग की गई थी। आयोग ने संज्ञान लेते हुए 11 मई को जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि जांच दल गठित कर 15 दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करें। लेकिन, तय समय में कार्रवाई रिपोर्ट जमा नहीं किए जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए एल नागेश्वर राव, कृष्ण मुरारी व एस रविद्र भट्ठ की तीन सदस्यीय पीठ ने नौ जून से पहले कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है, जिसके बाद जिला प्रशासन रिपोर्ट बनाने में जुट गया है।