मल्टी कॉम्पलेक्स मार्केट के निर्माण को ले उदासीन बना आरएलडीए

स्थानीय रेलवे स्टेशन पर प्रस्तावित मल्टी कॉम्पलेक्स मार्केट का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। मार्केट निर्माण को ले रेलवे भूमि विकास प्राधिकारण (आरएलडीए) भी पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। जिससे सासाराम के लोगों में मायूसी छाने लगी है। प्राधिकरण द्वारा कंट्रैक्टर की तरफ से बोली की राशि जमा नहीं करने की बात कह फिलहाल विराम लगा दिया गया है। जबकि रेलवे की तरफ से आरएलडीए को बहुत पहले ही भूमि उपलब्ध करा दी गई है। फिर भी अबतक मॉल निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:44 AM (IST)
मल्टी कॉम्पलेक्स मार्केट के निर्माण को ले उदासीन बना आरएलडीए
मल्टी कॉम्पलेक्स मार्केट के निर्माण को ले उदासीन बना आरएलडीए

स्थानीय रेलवे स्टेशन पर प्रस्तावित मल्टी कॉम्पलेक्स मार्केट का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। मार्केट निर्माण को ले रेलवे भूमि विकास प्राधिकारण (आरएलडीए) भी पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। जिससे सासाराम के लोगों में मायूसी छाने लगी है। प्राधिकरण द्वारा कंट्रैक्टर की तरफ से बोली की राशि जमा नहीं करने की बात कह फिलहाल विराम लगा दिया गया है। जबकि रेलवे की तरफ से आरएलडीए को बहुत पहले ही भूमि उपलब्ध करा दी गई है। फिर भी अबतक मॉल निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। दो हजार वर्ग मीटर में बनना है मार्केट :

यूपीए दो की सरकार में तत्कालीन लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार के पहल पर सासाराम रेलवे स्टेशन पर मल्टी कांप्लेक्स मार्केट निर्माण को रेल बजट में शामिल किया गया था। जिसकी जिम्मेदारी रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को दी गई है। रेलवे ने दो हजार वर्ग मीटर भूमि आरएलडीए को दो वर्ष पूर्व ही उपलब्ध करा चुका है। जिसके लिए आरएलडीए ने दो बार टेंडर भी निकाल कंट्रैक्टर का चयन करने का काम भी पूरा किया था, लेकिन चयनित कंट्रैक्टर दोनों बार निर्धारित बोली की राशि जमा नहीं कर सका। जिस वजह मल्टी कांप्लेक्स मार्केट का निर्माण का मामला अधर में लटका हुआ है। कहते हैं अधिकारी :

रेलवे स्टेशन पर मल्टी कांप्लेक्स मार्केट निर्माण की जिम्मेदारी आरएलडीए को सौंपी गई है। जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध कराई गई है। प्राधिकार की तरफ से इसे ले टेंडर भी निकालने की कार्रवाई भी की गई, लेकिन कंट्रैक्टर द्वारा बोली की राशि जमा नहीं किए जाने से टेंडर को रद कर दिया गया है। नये सिरे से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पीएस मिश्रा, परियोजना निदेशक, आरएलडीए

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