प्रश्न पत्र बना व्यवस्था का आईना

By Edited By: Publish:Tue, 23 Sep 2014 05:05 PM (IST) Updated:Tue, 23 Sep 2014 05:05 PM (IST)
प्रश्न पत्र बना व्यवस्था का आईना

जागरण संवाददाता, सासाराम : बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सोमवार को आयोजित शिक्षक द्वारा निदेशित स्व मूल्यांकन परीक्षा में कई प्रश्न ऐसे थे, जो स्कूलों की व्यवस्था को आईना दिखा गए। परीक्षा का आयोजन जिले के सभी प्राथमिक-मध्य विद्यालय के वर्ग तीन, पांच व सात वर्ग के बच्चों के लिए किया गया था।

वर्ग तीन की भाषा के प्रश्नपत्र में 14 नंबर प्रश्न के दिये गए चित्र में दर्शाया गया था कि शिक्षक जमीन पर बैठे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। चित्र को देख चार आप्शन में सही पर निशान लगाना था। नोखा प्रखंड के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका ने जैसे ही चित्र दिखा पूछा कि बच्चे कहा बैठे हैं सब बच्चों ने तत्काल कहा कि बच्चे जमीन पर बैठे हैं। जैसे वे अपने ही तस्वीर देख रहे हो। जी हां मूल्यांकन परीक्षा में प्राथमिक विद्यालयों में अधिकांश बच्चे फर्श पर ही बैठ कर परीक्षा देने को मजबूर थे। जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के शोर के बावजूद अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में बेंच हैं ही नहीं।

करीब तीन घंटे चले मूल्यांकन परीक्षा में बच्चों ने भाषा के 28, गणित में 28 व बच्चों के खुद से संबंधित 11 प्रश्न थे। बच्चों को अपने घर-स्कूल से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी देने थे। एक प्रश्न में पूछा गया था कि क्या आप विद्यालय के पुस्तकालय का उपयोग करते हैं! अब इन व्यवस्था के नियामकों से कौन पूछे कि जिन स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं है वहां के बच्चे के लिए कौन सा पुस्तकालय है!

बच्चे उत्तर पुस्तिका में ही उलझे रहे

मूल्यांकन परीक्षा के दौरान बच्चों से ले शिक्षक तक ओएमआर शीट से जूझते नजर आये। परीक्षा में तीसरे वर्ग के छात्रों के ओएमआर को शिक्षकों को ही भरना था, परन्तु कई शिक्षकों के लिये ये नई चीज थी। वे बच्चों को समझाने से ज्यादा खुद समझने में परेशान रहे। पांचवी व सातवें वर्ग के छात्रों को खुद ओएमआर शीट में उत्तर देना था, परन्तु बेचारे बच्चे प्रश्न से ज्यादा उत्तर पुस्तिका में ही उलझे रहे। अधिकारियों ने भी माना कि ओएमआर शीट से परेशानी हुई।

कहते हैं अधिकारी

जिले के सभी प्राथमिक-मध्य विद्यालय के तीसरी, पांचवी व सातवीं कक्षा की छात्रों के लिए स्व मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया गया। बच्चों में परीक्षा को ले उत्साह दिखा। उपस्थिति 80 फीसद से ज्यादा रही।

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