विभागीय उदासीनता की भेट चढ़ी वेलनेस सेटर योजना

पूर्णिया। राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अंतर्गत स्वास्थ एवं कल्याण केंद्र को विकसित करने की योजना जिला

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 11:43 PM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 11:43 PM (IST)
विभागीय उदासीनता की भेट 
चढ़ी वेलनेस सेटर योजना
विभागीय उदासीनता की भेट चढ़ी वेलनेस सेटर योजना

पूर्णिया। राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अंतर्गत स्वास्थ एवं कल्याण केंद्र को विकसित करने की योजना जिला में नाकाम साबित हो रही है। विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि 2022 तक जिले के सभी स्वास्थ केंद्रों में एक हेल्थ एंड वेलनेस सेटर का निर्माण होना है। इसके अंतर्गत 2018 के अंत तक ही 42 स्वास्थ केंद्रों के लिए प्रथम चरण में वेलनेस सेटर को तैयार कर लेना था। इसमें अबतक चंपानगर पीएचसी और रुपौली के टीकापट्टंी पीएचसी में ही यह सेटर संचालित हो रहा है। इसके अलावा यह कहीं भी संचालित स्वतंत्र रूप से नहीं हो रहा है। विभाग ने आंकड़े की बाजीगरी दिखाते हुए बिना सुविधा में बढ़ोतरी किए सभी अरबन पीएचसी में वेलनेस सेटर का बोर्ड लटका दिया और इसको भी सूची में शामिल कर ली गई है। इसके बावजूद भी जिले में किसी और प्रखंड में अभी भी वेलनेस सेटर को लेकर कोई पहल नहीं की गई है। इसके अंतर्गत 22 अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र, 17 स्वास्थ उपकेंद्र और 4 स्वास्थ केंद्र को विकसित करने की योजना तैयार की गई थी। सभी वेलनेस सेटर में एक एमबीबीएस डॉक्टर का पद सृजित किया गया है। यहां चेकअप, इलाज के साथ दवा और जांच की भी सुविधा होती है। इन दावों के विपरीत जमीनी हकीकत उलट है। अबतक जिले में एक भी वेलनेस सेटर में गरीब मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही है। दो वेलनेस सेटर के अलावा जिले में कहीं इस दिशा स्वास्थ विभाग की उदासीनता सबसे के सामने हैं। गरीब के दरवाजे तक पहुंचने वाली गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ योजना को जमीन पर विभाग नहीं उतार पा रहा है। विभागीय शिथिलता के कारण 44 सेटर में से अबतक दो सेटर ही सही मायने में जमीन पर उतरी है वह डॉक्टर और सुविधाओं का अभाव है। इसके लिए आनन-फानन में कुछ स्वास्थ केंद्रों में वेलनेस सेटर का बोर्ड तो लटकाए गए थे लेकिन वह मरीजों तक लाभ पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। दरअसल अतिरिक्त और उप स्वास्थ केंद्र को विकसित करने की योजना थी। सेटर पर डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति होनी थी। केंद्र में मातृ स्वास्थ, टीकाकरण, योगा, नवजात की देखभाल, कुपोषित बच्चों का इलाज, आंख, नाक, कान और गला की जांच, संक्रमण और गैर संक्रामक रोग के प्रबंधन की सुविधा होगी। टेस्ट और काउंसेलिंग के साथ दवा का वितरण की सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। पहले पीएचसी में इतनी सुविधा नहीं थी। मरीज को एक बार सेटर पहुंचने पर भटकना नहीं पड़े। इसके साथ ही इस योजना का लक्ष्य यह भी लोग बीमार होने से पहले वेलनेस सेटर पहुंचे ताकि अपना नियमित चेकअप कराएं और किसी बीमारी की आशंका में विशेषज्ञ डॉक्टर के पास रेफर कर दिया जाएगा।

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