गरीबों को मिल सकता है सरकारी जमीन पर घर बनाने का अधिकार

पूर्णिया। नगर निगम क्षेत्र में सरकारी जमीन पर जैसे-तैसे रहने वाले भूमिहीन गरीबों के लिए खुश्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 11:43 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 11:43 PM (IST)
गरीबों को मिल सकता है सरकारी जमीन पर घर बनाने का अधिकार
गरीबों को मिल सकता है सरकारी जमीन पर घर बनाने का अधिकार

पूर्णिया। नगर निगम क्षेत्र में सरकारी जमीन पर जैसे-तैसे रहने वाले भूमिहीन गरीबों के लिए खुशखबरी है। उन्हें सरकारी जमीन पर आवास योजना के तहत घर बनाने का अधिकार मिल सकता है। नगर निगम प्रशासन ऐसे परिवारों का शीघ्र सर्वे शुरू करने वाला है। नगर आयुक्त के नेतृत्व में आयोजित बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया है।

सरकारी जमीन पर रह रहे करीब आठ हजार परिवार

नगर निगम क्षेत्र में सड़क, रेलवे, खासमहल आदि सरकारी जमीन पर काफी संख्या में भूमिहीन गरीब झोपड़ी डालकर व तिरपाल व प्लास्टिक टांग कर रह रहे हैं। स्लम एरिया में ऐसे परिवारों की संख्या अधिक है। पूर्व में कराए गए एक सर्वे के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में ऐसे परिवारों की संख्या करीब आठ हजार है। शहर के बीचोबीच से गुजरी मुख्य सड़क हो अथवा स्कूल-कॉलेज के समीप की सरकारी जमीन, हर जगह झोपड़ीनुमा घर बनाकर गरीब लोग जीवन बसर कर रहे हैं। मरंगा मोड़ से लेकर बस स्टैंड व टैक्सी स्टैंड से लेकर डीएम आवास जाने वाली मुख्य सड़क किनारे हो अथवा सरकारी संस्थाओं की चारदीवारी किनारे दर्जनों परिवार किसी तरह घर-दुकान चलाकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। यह स्थिति लगभग शहर के चारों ओर नजर आ जाती है। लेकिन दुर्भाग्य है कि अपनी जमीन नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

आवास योजना के लिए निजी जमीन जरूरी

सभी लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। शहरी क्षेत्र के लोगों को पक्का घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य आवास योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन उन सभी योजनाओं के लिए पहली शर्त है अपनी निजी जमीन का होना। कम से कम 300 वर्ग फीट जमीन वाले को उक्त योजना के तहत लाभ दिया जाता है। लेकिन नगर निगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे गरीब रह रहे हैं जो भूमिहीन हैं। नगर निगम क्षेत्र में करीब आठ हजार लोगों के पास न तो सर पर छत है और न ही जमीन का टुकड़ा। ऐसे में ये लोग सरकारी योजना लाभ से वंचित हैं।

जिले में 817 एकड़ है खासमहल की जमीन

जिले में बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन उपलब्ध है। उनमें सबसे अधिक खासमहल की जमीन है। एडीएम डॉ. रविंद्र प्रसाद के अनुसार जिले में खासमहल का रकवा करीब 817 एकड़ है। हालांकि खासमहल की काफी जमीन पैसों वाले के कब्जे में है तथा उस पर बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं खड़ी हैं। लेकिन उनमें काफी भूमि पर भूमिहीन गरीब झोपड़ी-तंबू गाड़कर रह रहे हैं। नगर विकास विभाग के ताजा निर्णय से उन गरीबों को लाभ मिल सकता है तथा उनका अपना घर का सपना साकार हो सकता है।

chat bot
आपका साथी