हौसलों की उड़ान भर रही हैं बेटिया, धारणाओं को दे रही है चुनौतियां

पूर्णिया। कौन कहता है कि आसमा में सुराख हो नहीं सकता, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Dec 2018 10:13 PM (IST) Updated:Wed, 12 Dec 2018 10:13 PM (IST)
हौसलों की उड़ान भर रही हैं बेटिया, 
धारणाओं को दे रही है चुनौतियां
हौसलों की उड़ान भर रही हैं बेटिया, धारणाओं को दे रही है चुनौतियां

पूर्णिया। कौन कहता है कि आसमा में सुराख हो नहीं सकता, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। कवि दुष्यंत कुमार की यह पंक्ति जानकीनगर की बेटियों पर सटीक बैठती हैं। ये बेटिया उन धारणाओं को भी खुली चुनौती दे रहीं हैं, जो लोग यह समझते हैं कि बेटी को ज्यादा पढ़ाने-लिखाने से कुछ नहीं होने वाला है। आज यहा की दर्जनों बेटिया अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने पैरों पर खड़ी है। लोगों के लिए नजीर बनी इन बेटियों से लोग प्रेरणा ग्रहण कर रहे हैं। चेहरे पर दृढ़ संकल्प, दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए बेटिया अपनी मंजिल की ओर बढ़ती चली जा रही हैं। रामपुर तिलक की विभा कुमारी पीएमसीएच पटना में हास्पीटल मैनेजर के पद पर काम कर रही हैं। चोपड़ा बाजार की रश्मि जैन, वर्षा कुमारी, श्वेता पाण्डेय विभिन्न बैंकों के पीओ के पद पर कार्यरत हैं। वहीं दीप्ति भारती उत्तरप्रदेश में पीओ के रूप में अपनी सेवा दे रही हैं। दूसरी ओर शालिनी कुमारी, श्वेता कुमारी, प्रिया कुमारी, नेहा कुमारी, स्मृति आनंद सहित कई अन्य बेटिया अलग-अलग राज्यों में इंजीनियर बनकर अपनी सेवा प्रदान कर रही हैं। रामनगर की वंदना कुमारी दिल्ली में, श्वेता कुमारी बंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर सेवा दे रही हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र, गुजरात, मुम्बई, दिल्ली आदि में भी यहा की बेटिया अपनी मेहनत से अपने हौसलों की उड़ान भर रही हैं। रानी कुमारी, स्वीटी कुमारी, सुरभि शाही, लादूगढ की मनीषा कुमारी आदि दर्जनों बेटिया हैं जो लेखापाल, पुस्तकालयाध्यक्ष, न्यायिक सेवा के कायरें से जुड़ी हैं। इसी प्रकार सौ से अधिक बेटिया शिक्षा सेवा से जुड़कर बच्चों में ज्ञान बाट रही हैं। प्रो. प्रेम कुमार जायसवाल, खूंट के अरविंद प्रसाद यादव, रूपौली दक्षिण के संगीता नंद झा, बालेश्वर प्रसाद यादव, रामपुर के योगेन्द्र प्रसाद सिंह, रूपौली उत्तर के रामचंद्र राय, झालीघाट के गणेश प्रसाद यादव, व्यवसायी कंवर लाल सुराणा, चैनपुरा के कुंदन सिंह बेटियों की इन उपलब्धियों पर खुशी प्रकट करते हुए कहते हैं कि बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र की बेटिया नारी सशक्तीकरण की दिशा में आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ाती जा रही है। अभिभावकों की राय है कि बिहार को विकसित करना है तो लड़कियों को शिक्षित करना होगा।

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