मतदान के साथ लोग कर रहे वोट फीसद बढ़ाने पर चर्चा

पूर्णिया। लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में चुनावी सरगर्मियां परवान पर हैं। लोग अपनी पसंद का नेता

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 07:54 PM (IST)
मतदान के साथ लोग कर रहे वोट फीसद बढ़ाने पर चर्चा
मतदान के साथ लोग कर रहे वोट फीसद बढ़ाने पर चर्चा

पूर्णिया। लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में चुनावी सरगर्मियां परवान पर हैं। लोग अपनी पसंद का नेता चुनने और मतदान का फीसद बढ़ाने पर भी चर्चा कर रहे हैं। पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं में भी उत्साह देखा जा रहा है। 18 अप्रैल को होने वाले चुनाव को लेकर मतदाता खुलकर बोलने भी लगे हैं।

प्रो. प्रेम कुमार जायसवाल कहते हैं कि हम हर चुनाव में धोखा खाते हैं। जाति, धर्म और भावनाओं के जाल में फंसकर अपना कीमती वोट दे देते हैं। इन सब चीजों से बचने की जरूरत है। यही सोच हमारे पिछड़ेपन का कारण है।

छात्र रविश कुमार कहते हैं कि अधिक से अधिक वोटिंग की जरूरत है। वैसे उम्मीदवार का चयन हो जो बेहतर काम करने के लिए जाने जाते हों। बिहार में अब जातिवादी लोगों को हराना जरूरी है। शिक्षा व रोजगार को जो पार्टी मुद्दा बनाए, हम उसे ही वोट दें, तभी अच्छी सरकार बनेगी।

समाजसेवी अरुण कुमार पाण्डेय कहते हैं कि एक-एक वोट का महत्व है, इसलिए इसे बेकार नहीं करना चाहिए। ऐसे उम्मीदवार का चयन किया जाए, जो बेदाग हों। जातिवादियों को किसी भी हाल में हराना चाहिए, तभी जाकर लोकतंत्र सार्थक होगा।

दवा व्यवसायी दुर्गा नंद सिंह कहते हैं कि चुनाव में ऐसी पार्टी को चुना जाए जिसके एजेंडे में राष्ट्रीय सुरक्षा, अस्मिता शामिल हों। जो पलायन को रोके। जो हर हाल में उद्योग धंधों का विकास करे। आज बिहार को आगे बढ़ाने के लिए रोजगार की जरूरत है।

खाद व्यवसायी संजीव कुमार सिंह बोले कि युवा उम्मीदवारों को ज्यादा मौका मिलना चाहिए। जाति के नाम पर चुनाव लड़ने वालों को रोका जाए। उद्योग धंधे, शिक्षा को मुद्दा बनाकर वोट दिया जाए। बिहार की तरक्की के लिए यह बहुत जरूरी है।

सीएसपी संचालक अरविंद कुमार कहते हैं कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य शिक्षा जैसे मुद्दों पर प्रत्याशी का चयन होना चाहिए।

राजीव कुमार कहते हैं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में किसकी लहर रहेगी, यह कहना कठिन है, लेकिन यह जरूर कहूंगा कि इस बार खूब वोटिंग हो, और रिकार्ड टूटे।

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