आए सरकार किसानों का होगा बेड़ा पार

पूर्णिया । जिले में बाढ़ ने किसानों को बर्बाद कर रख दिया। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने र

By Edited By: Publish:Mon, 29 Aug 2016 09:16 PM (IST) Updated:Mon, 29 Aug 2016 09:16 PM (IST)
आए सरकार किसानों का होगा बेड़ा पार

पूर्णिया । जिले में बाढ़ ने किसानों को बर्बाद कर रख दिया। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को स्थानीय अतिथि सदन में अधिकारियों से बैठक में सभी प्रभावितों को मुआवजा और फसल क्षति अनुदान देने को कहा। केला किसान भी इस दायरे में आएंगे। ¨सचाई के लिए भी किसानों को अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है उन्हें भी डीजल अनुदान दिया जाएगा। सरकार की इन घोषणाओं से निश्चित रूप से किसानों की डूबती नैया पार लगेगी।

दरअसल मुख्यमंत्री कटिहार के बाढ़ का निरीक्षण करने के लिए पूर्णिया में रविवार को रात्रि विश्राम किया। इस दौरान पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज जिले में विगत दिनों आयी बाढ़ के उपरांत किये गये आपदा राहत कार्यो की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ली। बाढ़ग्रस्त रूपौली प्रखंड की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए स्थानीय सांसद संतोष कुमार कुशवाहा और रूपौली विधायक बीमा भारती ने केला किसानों का दर्द सीएम को बताया। इस इलाके में केले की खेती बड़े क्षेत्रफल में की जाती है। अगर प्राकृतिक आपदा से पाला नहीं पड़े तो किसानों के लिए यह फसल एक तरह से फिक्स्ड डिपोजिट मानी जाती है। छह महीने में लागत का तीगुणा मुनाफा किसानों को होता है। यही कारण है कि किसान कर्ज लेकर भी केले की खेती करते हैं। जिन्हें अपनी जमीन नहीं होती वे लीज पर जमीन लेकर केले की फसल लगाते हैं। फसल इस हिसाब से लगायी जाती है कि त्योहारों का मौसम शुरू होते ही तैयार हो जाए। इस मौसम में कीमत मुंहमांगी मिल जाती है। अब फसल तैयार होने ही वाली थी कि बाढ़ ने दस्तक दे दिया। केले की फसल अत्यधिक पानी बर्दाश्त नहीं करती। लेकिन बाढ़ का पानी इन फसलों में कमर भर लग गया। इसी बीच आंधी ने फसलों के साथ किसानों को भी हिलाकर रख दिया। नतीजा किसानों के आमदनी की बात तो दूर जमा पूंजी भी डूब गयी। इन बातों की जानकारी के बाद सीएम ने सभी प्रभावितों को फसल क्षति अनुदान देने का निर्देश दिया। एक तरफ बाढ़ से जूझते किसानों को जहां इस घोषणा से राहत मिलेगी वहीं पानी के लिए तरसते किसानों के लिए भी राहत की घोषणा मुख्यमंत्री श्री कुमार ने की।

बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि जिले के सभी 14 प्रखंडों में अगस्त में सामान्य से 70 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इससे किसानों की ¨चता की लकीरें गहरायी है। मुख्यमंत्री ने अल्प वर्षा वाले क्षेत्रों में डीजल अनुदान हेतु त्वरित रूप से आवेदन प्राप्त कर अनुदान की राशि वितरित करने का निदेश दिया गया। बता दें कि जिले की 90 फीसद आबादी कृषि या इससे जुड़े करोबार से अपनी जीविका चलाते हैं। इस मौसम में धान किसानों की मुख्य फसल है। धान की फसल को पानी की आवश्यकता अन्य फसलों से अधिक होती है। बारिश की कमी के कारण किसान पंप सेट से फसल में पानी डालते हैं जो महंगा होता है। ऐसे में डीजल अनुदान की राशि किसानों को राहत जरूर देगी।

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