श्यामा काली मंदिर भटोतर की महिमा अपरंपार

बड़हरा कोठी (पूर्णिया), संस : धमदाहा अनुमंडल के प्रसिद्ध भटोतर गांव के मां काली स्थान में मां काली की

By Edited By: Publish:Mon, 20 Oct 2014 08:53 PM (IST) Updated:Mon, 20 Oct 2014 08:53 PM (IST)
श्यामा काली मंदिर भटोतर की महिमा अपरंपार

बड़हरा कोठी (पूर्णिया), संस : धमदाहा अनुमंडल के प्रसिद्ध भटोतर गांव के मां काली स्थान में मां काली की पूजा की तैयारी चरम पर है। यहां की माता की महिमा अपरंपार है। 1895 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी जहां फिलहाल भव्य मूर्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरूवार की रात्रि पंडितों द्वारा मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाओं में वैदिक मंत्रोच्चारण कर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। इस मौके पर भटोतर गांव में तीन दिवसीय भव्य मेला भी लगता है। जिसमें मिठाई, खिलौना, मनिहारा, लकड़ी व लोहे की सामग्री की दुकानें लगाई गई है। साथ ही मेला में मौत का कुंआ, राम झूला, जादूघर, ब्रेक डांस, रेल रेम्प, घोड़ा झूला भी लगाया गया है। इस मौके पर प्रदेश में नौकरी करने वाले हिंदू हो या मुसलमान दीपावली में गांव पहुंचते हैं और काफी भक्तिभाव व सौहार्द पूर्ण माहौल में पर्व मनाते हैं। दीपावली के अवसर पर मां काली मंदिर में होने वाला खर्च गांव के सभी परिवार चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान के चंदा से होता है। सभी वर्ग व धर्म के लोग मेला में अपना बढ़-चढ़कर सहयोग देते हैं। इधर मेला को आकर्षक बनाने के लिए मेला कमेटी के अध्यक्ष रमण प्रसाद सिंह एवं सचिव ध्रुव सिंह ने ग्रामीणों की एक सभा कर 20 सदस्य स्वयंसेवकों की टीम बनाकर मेला में शांति व्यवस्था की निगरानी हेतु प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है। यद्यपि बीकोठी प्रखंड क्षेत्र के राजघाट, देवरी एवं सुखासन कोठी गांव के मंदिरों में मां काली सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर काफी धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाती है। इस अवसर पर मेला भी लगता है।

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